
उदयपुर। जयपुर में भांकरोटा के पास हुई भयानक टैंकर ब्लास्ट की घटना ने उदयपुर की एक बस को भी अपनी चपेट में ले लिया। वो बस, जो उदयपुर से 32 मुसाफिरों को लेकर सपनों और उम्मीदों के साथ जयपुर के सफर पर निकली थी, अचानक हादसे का शिकार हो गई। खबर जैसे ही ट्रेवल्स के ऑफिस पहुंची, वहां हड़कंप मच गया। ट्रेवल्स के मालिक सलाम खान और उनके पूरे स्टाफ ने यात्रियों की खबर लेने के लिए फोन मिलाना शुरू किया। लेकिन हर बार फोन का रिंग बजते हुए जवाब न आना, दिल को धड़कने से रोक देने जैसा था।
सलाम के मुताबिक जिन सवारियों से बात हुई, सभी घर पहुंच गई है। ड्राइवर गौसिया कॉलोनी निवासी सईद की स्थिति गंभीर बताई गई है। खलासी कालू का पता नहीं चल पाया है। हमने ट्रेवल्स के स्टाफ को जयपुर रवाना किया है।
इस हादसे में चालक समेत आठ लोग झुलस गए है। हर गुजरते पल के साथ डर और चिंता बढ़ती जा रही थी। हर फोन कॉल के पीछे उम्मीद छिपी थी कि शायद कोई कह दे, “मैं सुरक्षित हूं।”
लेकसिटी ट्रेवल्स की बस, जिसने रात 9 बजे उदयपुर से जयपुर की ओर अपना सफर शुरू किया था, अब राख का ढेर बन चुकी है। इस घटना ने न सिर्फ बस को बल्कि मुसाफिरों के सपनों और उनके परिवारों की खुशियों को भी खाक कर दिया।
संचालक सलाम खान ने बताया कि बस जयपुर में पोलो विक्ट्री पहुंचने से महज आधे घंटे पहले इस भयानक हादसे का शिकार हो गई। गैस टैंकर के यू-टर्न पर ट्रक से भिड़ने के बाद, एक के बाद एक कई वाहनों ने आग की चपेट में आकर अपने अस्तित्व को खो दिया। हमारी बस भी उस कतार में थी। आग के भयावह गोलों ने बस को घेर लिया, और हर तरफ सिर्फ चीखें, जलते सपने और खत्म होती उम्मीदें ही बची थीं।
आज, उदयपुर के कई घरों में फोन की घंटियां बज रही हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा। मां अपने बेटे से बात करने को तरस रही है, पत्नी अपने पति के लौटने की दुआ कर रही है, और बच्चे अपने पिता के इंतजार में दरवाजे पर टकटकी लगाए बैठे हैं। ये हादसा सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि कई परिवारों के सपनों को तोड़ देने वाली सच्चाई बन चुका है।
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