रणवीर अल्लाहबादिया ने प्रतियोगी से माता-पिता के सेक्स को लेकर पूछे सवाल ने उड़ाई जनता की नींद, सोशल मीडिया पर जबरदस्त आलोचना


मुंबई। यूट्यूब पर बीयरबाइसेप्स के नाम से मशहूर रणवीर अल्लाहबादिया ने एक ऐसा सवाल पूछ लिया, जिसे सुनकर नेटिज़न्स का खून खौल गया और संस्कारी आंटियों के चाय के कप गिर पड़े। विवाद का मुद्दा? एक सवाल जो ऐसा प्रतीत होता है कि इसे पूछने से पहले खुद रणवीर ने भी दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया।

यहां देखें वीडियो

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रणवीर ने अपने शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में प्रतियोगी से पूछा, “क्या आप अपने माता-पिता को जीवन भर सेक्स करते देखना पसंद करेंगे, या खुद शामिल होकर इसे हमेशा के लिए बंद कर देंगे?”
अब, ये सुनने के बाद नेटिज़न्स ने तो रणवीर की “टैलेंट” पर ही सवाल उठा दिए। “यह टैलेंट है या ट्रोलिंग का नया लेवल?” ऐसा सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछा।

“पैरोडी के नाम पर पांडवों का अपमान?”

रणवीर के शो को ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’ की पैरोडी बताया जाता है। शो में कॉमेडी का तड़का लगाने के लिए आशीष चंचलानी और अपूर्व मुखीजा जैसे मेहमान जज शामिल थे, जबकि होस्ट समय रैना थे। पर इस सवाल ने शो को मज़ाक से ज्यादा ‘मजाक का पात्र’ बना दिया। सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा, “अगर ये टैलेंट है, तो कल को हम भस्मासुर को इंडियाज गॉट लेजेंड का जज बना देंगे!”

“ट्रोल आर्मी ने किया रणवीर का ऑनलाइन श्राद्ध”

नेटिज़न्स ने रणवीर को जमकर लताड़ा। एक यूजर ने गुस्से में लिखा, “जो इंसान सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता पर बात करता है, वो खुद ऐसे घटिया सवाल पूछ रहा है। यह आदमी ‘संस्कृति का योगगुरु’ बनने की बजाय ‘यूट्यूब का जोकर’ बन गया है।” दूसरे ने तंज कसते हुए लिखा, “रणवीर, ये कौन-सा ‘बाइसेप्स’ है जो संस्कारों को उठाकर फेंक देता है?”

“राष्ट्रीय पुरस्कार पर सवाल”

लोगों ने रणवीर को मोदी सरकार से मिले राष्ट्रीय पुरस्कार पर भी सवाल उठाए। “क्या अब ‘बेस्ट ओछी हरकत’ का अवॉर्ड भी दिया जाता है?” एक यूजर ने पूछा। कुछ ने यह भी कहा, “रणवीर का असली टैलेंट यही है कि वह विवाद पैदा करके लाइमलाइट में आ जाए।”

“रणवीर का बचाव: मौन साधना जारी”

रणवीर ने अभी तक इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। शायद वो सोच रहे हैं कि जैसे उनकी बाइसेप्स को बढ़ने में वक्त लगा, वैसे ही यह विवाद भी समय के साथ ‘फेड आउट’ हो जाएगा।

“मनोरंजन के नाम पर बोरियत?”

रणवीर का ये विवाद न केवल उनके शो पर बल्कि पूरे डिजिटल कॉन्टेंट क्रिएशन की दिशा पर सवाल खड़ा करता है। मनोरंजन और अभद्रता के बीच की महीन रेखा को पार करना क्या सच में ‘टैलेंट’ है?

“नेटिज़न्स का फाइनल पंचलाइन”

जहां रणवीर ने सवाल पूछा, वहीं जनता ने उन्हें जवाब दिया: “भाई, ये बाइसेप्स उठाने का नहीं, दिमाग उठाने का समय है!” अब देखना ये है कि रणवीर इस ‘डिजिटल दंगल’ से उबरने के लिए कौन-सी ‘वर्कआउट स्ट्रेटेजी’ अपनाते हैं।

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