
चीन के एआई चैटबॉट ‘डीपसीक’ ने वैश्विक मंच पर हलचल मचा दी है, लेकिन यह चीन की योजनाबद्ध प्रगति का केवल एक उदाहरण है। 2015 में घोषित ‘मेड इन चाइना 2025’ प्लान ने देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा।
टेक्नोलॉजी के दस प्रमुख क्षेत्र:
चीन ने एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा, और बैटरी टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया। नतीजतन, वह इलेक्ट्रिक वाहनों और रिन्यूएबल एनर्जी में वैश्विक नेता बन गया है।
अमेरिका और अन्य देशों को चुनौती:
चीन की कंपनियां, जैसे बीवाईडी और डीजीआई, वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं। हालांकि, अमेरिका माइक्रोचिप और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में अभी भी आगे है।
प्रतिबंधों का उल्टा असर:
अमेरिकी प्रतिबंधों ने चीन को मजबूती से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया। उदाहरण के तौर पर, डीपसीक ने कम पावर वाली चिप्स का उपयोग कर एक नई तकनीक विकसित की।
भविष्य की दिशा:
2028 तक चीन को रिन्यूएबल एनर्जी और अन्य क्षेत्रों में और बड़ी सफलता हासिल करने का अनुमान है। हालांकि, पश्चिमी देशों के बढ़ते प्रतिबंध और सुरक्षा चिंताएं चीन के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
विश्लेषण:
चीन का ‘मेड इन चाइना 2025’ प्लान यह दिखाता है कि कैसे एक केंद्रित योजना और पर्याप्त संसाधनों के माध्यम से तकनीकी प्रगति हासिल की जा सकती है। लेकिन क्या यह मॉडल वैश्विक संतुलन को स्थायी रूप से बदल सकता है? यह देखना बाकी है।
About Author
You may also like
-
Udaipur : भमरासिया घाटी में दर्दनाक हादसा — चार मासूमों की डूबने से मौत, एक की तलाश जारी
-
सिटी फीडबैक : पर्यटन सीजन में इस बार पुलिस प्रशासन तारीफ का हकदार, बिना चालान के ट्रैफिक सिस्टम में सुधार
-
रोजगार मेला: जब युवा सफल होते हैं, तो राष्ट्र सफल होता है – प्रधानमंत्री मोदी
-
This Week’s Hottest Releases: Welcome to Derry, The Witcher Season 4, and More!
-
Piyush Pandey, the creative force who transformed Indian advertising, passes away