करप्शन की इंजीनियरिंग : 16 प्लॉट, करोड़ों की संपत्ति, लाखों के निवेश और घर में पड़े नोटों के ढेर

जयपुर। जोधपुर के सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) में कार्यरत एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (XEN) दीपक कुमार मित्तल सरकारी तनख्वाह पर जिंदगी बसर कर रहा था, मगर असल में वह एक छिपा हुआ ‘संपत्ति सम्राट’ निकला। 16 प्लॉट, करोड़ों की संपत्ति, लाखों के निवेश और घर में पड़े नोटों के ढेर ने उसे ‘सरकारी अफसर’ से ‘करप्शन किंग’ बना दिया। जयपुर ACB की छापेमारी ने उसकी काली कमाई का ऐसा पर्दाफाश किया कि पूरे सिस्टम की आंखें फटी रह गईं।

ACB की टीम जब जयपुर स्थित मित्तल के ठिकाने पर पहुंची, तो वहां का नजारा किसी खजाने की गुफा से कम नहीं था। घर से 50 लाख रुपये कैश, आधा किलो सोने की ज्वेलरी और 1.5 किलो चांदी के जेवर बरामद हुए। इसके अलावा, अलग-अलग शहरों में फैली 16 प्लॉट की संपत्ति—जिसकी कीमत करोड़ों में है—एक आम सरकारी इंजीनियर के लिए किसी सपने से कम नहीं लगती।

भ्रष्टाचार के इस खेल में XEN साहब ने अपने बच्चों की पढ़ाई को भी कमाई का नया आयाम बना दिया। उनके बच्चों की सेंट जेवियर स्कूल, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी और एम्स गोरखपुर की फीस का हिसाब निकालने पर ACB को करीब 70 लाख रुपये की भारी-भरकम रकम मिली। सवाल यह है कि सरकारी नौकरी में इतनी मोटी कमाई कैसे?

ACB की जांच में मित्तल और उसके परिवार के नाम से 18 बैंक खातों में कुल 40 लाख रुपये जमा होने की जानकारी मिली। इसके अलावा, उसने म्यूचुअल फंड में 50 लाख रुपये लगा रखे थे और 15 लाख रुपये की गाड़ियों का मालिक भी निकला। लेकिन यह तो सिर्फ ऊपर की परत थी—अब असली खुलासे होने बाकी थे।

जांच एजेंसी के अनुसार, मित्तल ने अपनी नौकरी की शुरुआत से अब तक 4 करोड़ 2 लाख 14 हजार 395 रुपये की अवैध संपत्ति जुटाई, जो उसकी वैध आय से 203% ज्यादा है। यानी यह भ्रष्टाचार कोई कल की बात नहीं थी, बल्कि सालों से चल रहा एक सुनियोजित खेल था।

ACB ने राजस्थान और हरियाणा के 6 शहरों—जयपुर, उदयपुर, अजमेर, ब्यावर, जोधपुर और फरीदाबाद में एक साथ छापेमारी की। जयपुर के बरकत नगर में उसके आलीशान घर पर रेड मारी गई, तो वहीं फरीदाबाद में उसके भाई अंकुर मित्तल के घर भी जांच जारी है।

दीपक मित्तल का यह मामला साबित करता है कि कैसे कुछ सरकारी अफसर पद की ताकत का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं। आम जनता की गाढ़ी कमाई से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने वाला इंजीनियर, खुद के लिए ‘विकास योजना’ चला रहा था। लेकिन अब कानून के लंबे हाथों ने उसे पकड़ लिया है।

अब बड़ा सवाल यह है—क्या मित्तल अकेला खिलाड़ी है, या फिर इस खेल के पीछे कोई बड़ा ‘सिस्टम’ भी काम कर रहा है? जांच जारी है, पर ये तय है कि यह करप्शन स्टोरी अभी और बड़े राज़ खोलेगी।

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