वाशिंगटन। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में शुक्रवार को जो हुआ, उसने अमेरिका की राजनीति में हलचल मचा दी! यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बैठक कब बहस में बदली, किसी को पता ही नहीं चला। चर्चा युद्ध की होनी थी, लेकिन माहौल WWE का हो गया!
ट्रंप की दो टूक: “और कितने पैसे चाहिए भाई?”
बैठक शुरू होते ही ज़ेलेंस्की ने अमेरिका की आर्थिक मदद पर अपनी अपील दोहराई। बस, यहीं से मामला गर्म हो गया। ट्रंप ने सीधे-सीधे पूछ लिया –
“अच्छा, ये बताओ… इस युद्ध का एंड कब होगा? या हमेशा के लिए सब्सक्रिप्शन ले रखा है?”
ज़ेलेंस्की ने जवाब दिया कि “हम रूस की आक्रामकता से लड़ रहे हैं, हमें समर्थन की ज़रूरत है!” इस पर ट्रंप बोले –”समर्थन चाहिए, या अमेरिका का पूरा ATM कार्ड?”
बैठक में बैठे लोगों के मुताबिक, ट्रंप ने ज़ेलेंस्की को साफ़-साफ़ बता दिया कि अमेरिका अब और चेक नहीं काटेगा। लेकिन ज़ेलेंस्की भी अपनी बात पर अड़े रहे।
व्हाइट हाउस का बड़ा बयान: “अब जनता भी थक चुकी है!”
इस बहस के बाद व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट सामने आईं और उन्होंने अमेरिकी जनता की भावनाओं को शब्दों में ढाल दिया। उन्होंने कहा,
“देखिए, जनता का भी एक लिमिट होता है! अमेरिकी लोग यूक्रेन को पैसे देते-देते थक चुके हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “ज़ेलेंस्की इस युद्ध की वास्तविकता को समझना ही नहीं चाहते। ये युद्ध सालों से चल रहा है, उनके देश के लोग मर रहे हैं, और जो इस बिल का भुगतान कर रहे हैं यानी अमेरिकी नागरिक, वो अब ‘No More Transactions’ का बोर्ड लगाने की सोच रहे हैं!”
ट्रंप की प्राथमिकताएँ अलग, ज़ेलेंस्की की उम्मीदें बरकरार
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने यह भी कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात ज़ेलेंस्की के लिए मुश्किल और ट्रंप के लिए अनुकूल हैं। उन्होंने कहा –
“ट्रंप युद्ध का अंत चाहते हैं, लेकिन ज़ेलेंस्की के चेहरे पर वही एक्सप्रेशन है, जो बच्चों का होता है जब उन्हें पार्क से ज़बरदस्ती घर ले जाया जाता है।”
डेमोक्रेट्स की नाराज़गी, ट्विटर पर मीम्स की बाढ़!
इस बहस पर डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने नाराज़गी जताई और ट्रंप पर ज़ेलेंस्की के साथ ‘असंवेदनशील’ रवैया अपनाने का आरोप लगाया। लेकिन ट्विटर पर लोग अलग ही मज़े ले रहे थे –”ज़ेलेंस्की को हर महीने अमेरिका से EMI मिलती थी, अब बैंक ने लोन रोक दिया!” “ट्रंप ने कहा – ‘अब और पैसा नहीं मिलेगा’, ज़ेलेंस्की बोले – ‘एक आखिरी UPI कर दो प्लीज!’”
अब सवाल ये है कि यूक्रेन की मदद जारी रहेगी या ट्रंप के आते ही ‘No Refund, No Exchange’ की पॉलिसी लागू हो जाएगी? ज़ेलेंस्की के लिए यह किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा। अब देखना होगा कि वो अगला क़दम क्या उठाते हैं – नया सहयोगी ढूंढते हैं या ट्रंप को ‘भाईचारा’ समझाने की कोशिश करते हैं!
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