
उदयपुर। पिछोला झील… जहां हर साल होली के रंग बिखरते हैं, इस बार वहीं एक परिवार की दुनिया उजड़ गई। खुशियों की भीड़ में एक चीख गूंजकर खो गई। नरेश मेघवाल, जो अपने दोस्तों संग होली की मस्ती में झूम रहा था, अचानक उसी उत्सव की लहरों में समा गया।
रंगों से भीगा शरीर, गीली मिट्टी पर कदमों के निशान, कानों में बजता तेज़ संगीत, और एक अनहोनी जो किसी ने सोची भी नहीं थी। नरेश झील में नहाने उतरा, लेकिन पानी की गहराई ने उसे अपने भीतर खींच लिया। दोस्त किनारे पर खड़े रहे, किसी को एहसास भी नहीं हुआ कि नरेश की दुनिया अंधेरे में डूब चुकी है।
बेकाबू भीड़, बेतहाशा बजता डीजे, और प्रशासन की लापरवाही… कोई बचाने नहीं आया, कोई रोकने नहीं आया। जब तक रेस्क्यू टीम वहां पहुँची, 45 मिनट बीत चुके थे। वक्त ने जैसे नरेश से जीने का हक छीन लिया था। रेस्क्यू टीम में गोताखोर विपुल चौधरी, रवि शर्मा, उमेश सालवी, दिनेश गमेती, कृष्ण दत्त और बोट ऑपरेटर कैलाश मेनारिया शामिल थे।
अस्पताल की मॉर्च्युरी में अब नरेश का शव पड़ा है, लेकिन उसके घर में अब भी उसकी हंसी गूंज रही है। परिजनों और दोस्तों के हाथों से जबरन लगाए गए गुलाल की खुशबू अब भी उसके कपड़ों में होगी, पर अब परिवार बेटे की तस्वीर को सीने से लगाए बिलख रहा है।
होली का ये जश्न नरेश के परिवार के लिए कभी न खत्म होने वाले दर्द में बदल गया है। सवाल वही है—अगर समय रहते प्रशासन हरकत में आता, तो क्या नरेश बच सकता था? या फिर यह हमारी लापरवाहियों की होली थी, जिसने एक घर की खुशियां छीन लीं?
About Author
You may also like
-
हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड ने की समावेशी भाषा गाइडबुक लॉन्च : सम्मान की भाषा, समानता का सफर, सामाजिक और भावनात्मक दस्तावेज़
-
जंगल के बीच एक जीवनदीप : डॉ. जेके छापरवाल और साथियों की 45 वर्षों की मौन साधना
-
माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली CISF की पहली महिला अधिकारी गीता सामोता को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने प्रदान किया राष्ट्रपति प्रशंसा पत्र
-
डॉक्टर्स डे : जब जिंदगी ऑपरेशन थिएटर में सांसें गिन रही थी… और एक डॉक्टर ने उम्मीद बचा ली
-
गोवर्धनविलास पुलिस की बड़ी कार्रवाई : हिस्ट्रीशीटर पर जानलेवा हमले के दो मुख्य आरोपी गिरफ्तार