नई दिल्ली। धूम्रपान के स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभावों के बारे में हम अक्सर कैंसर का उल्लेख सुनते हैं, लेकिन यह केवल कैंसर तक सीमित नहीं है। हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण शोधों ने यह तथ्य उजागर किया है कि सिगरेट पीने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी गहरा असर पड़ता है। यह अध्ययन इस ओर इशारा करते हैं कि लंबे समय तक धूम्रपान करने से न केवल उनके स्वास्थ्य पर नकरात्मक असर पड़ता है, बल्कि उनकी शुक्राणु गुणवत्ता और संप्रजनन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
इस विषय पर चर्चा करते हुए, आईएएनएस ने सीके बिरला अस्पताल के डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर से विशेष बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि धूम्रपान करने से पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ता है, जिसका सीधा प्रभाव उनकी प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे हानिकारक रसायन शुक्राणुओं की गतिशीलता और उनकी संख्या पर नकारात्मक असर डालते हैं। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक सिगरेट पीता रहता है, तो स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।
शुक्राणु गुणवत्ता पर असर
धूम्रपान के प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली चीजों में शुक्राणुओं की गतिशीलता और संख्या शामिल हैं। निकोटिन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे तत्व शुक्राणुओं की गतिशीलता को धीमा कर सकते हैं, जिससे प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। सिगरेट पीने से शुक्राणु की संख्या कम हो सकती है, और उनकी गुणवत्ता में भी गिरावट आ सकती है, जो गर्भधारण की प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन और हार्मोनल असंतुलन
फोर्टिस अस्पताल के विशेषज्ञ, डॉ. परेश जैन ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए। उनका कहना है कि धूम्रपान पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का एक महत्वपूर्ण कारण बन सकता है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन और अन्य हानिकारक रसायन रक्त वाहिकाओं को संकुचित करते हैं, जिससे लिंग में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। यह स्थिति इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकती है, जो कि पुरुषों के लिए एक गंभीर प्रजनन समस्या है।
सिगरेट पीने से शरीर के हार्मोनल संतुलन पर भी असर पड़ता है। रक्त वाहिकाओं की आंतरिक परत को नुकसान पहुंचने के कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर घट सकता है, जिससे कामेच्छा में कमी आ सकती है और ईडी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
डीएनए में बदलाव और भ्रूण पर असर
इसके अलावा, एक और गंभीर परिणाम जो सिगरेट पीने से उत्पन्न हो सकता है, वह है शुक्राणुओं के डीएनए में बदलाव। यह परिवर्तन भ्रूण के विकास पर नकारात्मक असर डाल सकता है और गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकता है। सिगरेट में मौजूद विषाक्त पदार्थ ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाते हैं, जिससे शुक्राणु कोशिकाओं में क्षति हो सकती है।
स्वास्थ्य के लिए खतरा
धूम्रपान केवल प्रजनन क्षमता पर ही नहीं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। इसे छोड़ने से न केवल प्रजनन क्षमता में सुधार होता है, बल्कि व्यक्ति की समग्र सेहत में भी लाभ होता है। डॉ. जैन ने पुरुषों से अपील की है कि वे धूम्रपान छोड़कर स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। उन्होंने कहा, “धूम्रपान न केवल आपके समग्र स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह आपकी प्रजनन क्षमता को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और धूम्रपान से दूरी बनाकर पुरुष अपनी प्रजनन क्षमता को बेहतर कर सकते हैं।”
धूम्रपान से होने वाले नुकसान केवल कैंसर तक सीमित नहीं होते, बल्कि यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी गहरा असर डाल सकता है। इससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता में कमी, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, हार्मोनल असंतुलन, और भ्रूण के विकास पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। यह समय की मांग है कि लोग इस खतरे को समझें और सिगरेट से बचने के उपाय अपनाएं। स्वस्थ जीवनशैली और धूम्रपान से बचाव पुरुषों के लिए न केवल प्रजनन क्षमता बल्कि समग्र स्वास्थ्य के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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