नई दिल्ली। हाल के वर्षों में लिवर से जुड़ी बीमारियाँ देशभर में तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में इसका प्रकोप देखा जा रहा है। मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हम अपनी जीवनशैली में कुछ स्वस्थ बदलाव लाते हैं, तो लिवर से जुड़ी बीमारियों को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण जानकारी वर्ल्ड लिवर डे (19 अप्रैल) से पहले दी गई है, और इसे लेकर डॉक्टरों ने बताया कि हमारे खानपान का लिवर की सेहत से गहरा संबंध है। सही खानपान के माध्यम से न केवल लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है, बल्कि यदि लिवर में कोई समस्या हो भी जाए तो उसे ठीक भी किया जा सकता है।
खानपान और लिवर की बीमारी: एक गहरा रिश्ता
पारंपरिक रूप से लिवर की बीमारियों का मुख्य कारण शराब को माना जाता था, लेकिन अब यह समस्या बिना शराब के सेवन के भी बढ़ रही है। खासकर ‘नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज’ (NAFLD) का प्रकोप अधिक देखा जा रहा है। इस बीमारी के कारण लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है, जो समय के साथ लिवर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है। इसका मुख्य कारण गलत खानपान, मोटापा, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और बढ़ते मानसिक तनाव को माना जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय शोधों से यह भी पता चला है कि आजकल लिवर की बीमारियाँ केवल शराब पीने वालों तक सीमित नहीं हैं। गलत आहार, जैसे कि तले-भुने खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड फूड्स, शर्करा से भरपूर पेय और जंक फूड, इन सभी का लिवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही, अत्यधिक फैटी और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
रिसर्च और आंकड़े
हाल ही में ‘फ्रंटियर्स इन न्यूट्रीशन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, जो लोग अधिक तली-भुनी, प्रोसेस्ड और शर्करा से भरे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, उनमें लिवर से जुड़ी बीमारियाँ होने का खतरा 16 प्रतिशत अधिक होता है। वहीं, यदि कोई व्यक्ति मेडिटेरेनियन डाइट (जैसे ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मछली और जैतून का तेल) का पालन करता है, तो उसमें लिवर की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। शोध में यह भी कहा गया है कि यदि खानपान में संतुलन बनाए रखा जाए तो लिवर की बीमारियाँ दूर रह सकती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि खानपान की आदतों में सुधार लिवर के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। यदि हम अपनी जीवनशैली को स्वस्थ बनाए रखें, तो लिवर की बीमारियों के साथ-साथ अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है।
डॉक्टरों का परामर्श
लिवर ट्रांसप्लांटेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. संजीव सैगल का कहना है कि “करीब 50 प्रतिशत लिवर की बीमारियाँ सिर्फ खानपान में सुधार लाकर रोकी जा सकती हैं।” उनका यह भी मानना है कि शराब, प्रोसेस्ड फूड्स और आलसी जीवनशैली से लिवर को जो नुकसान होता है, वह सही खानपान से ठीक भी किया जा सकता है।
लिवर की खासियत यह है कि यह एक ऐसा अंग है जो खुद को ठीक करने की जबरदस्त क्षमता रखता है। यदि हम समय रहते सही जीवनशैली अपनाते हैं तो लिवर में हुई किसी भी प्रकार की क्षति को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए हमें अपनी खानपान की आदतों को बदलना होगा और स्वस्थ आहार को अपनाना होगा।
स्वस्थ खानपान की अहमियत
डॉ. सैगल के अनुसार, जब मरीज ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन से भरपूर खाना खाना शुरू करते हैं, तो लिवर की स्थिति में सुधार आ जाता है। इसके साथ ही शरीर में ऊर्जा लौट आती है और संपूर्ण स्वास्थ्य में भी सकारात्मक परिवर्तन होता है। इसके लिए जरूरी है कि हम खाद्य पैकेट की जानकारी पढ़ें और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम से कम करें।
प्रोसेस्ड फूड्स और तला-भुना भोजन लिवर के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों में उच्च मात्रा में वसा, शर्करा और नमक पाया जाता है, जो लिवर के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। इसके उलट, ताजे फल, हरी सब्जियां, और साबुत अनाज लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, भरपूर पानी का सेवन भी लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
बच्चों में लिवर की बीमारियों का बढ़ता खतरा
आजकल बच्चों में भी लिवर से जुड़ी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। एक शोध में यह पाया गया कि जो बच्चे बहुत ज्यादा मीठे और प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, उन्हें ‘एमएएसएलडी’ (Metabolic Associated Steatotic Liver Disease) जैसी लिवर बीमारियाँ हो रही हैं। इन बच्चों के शरीर में ‘फ्रुक्टोज’ (जो मीठे ड्रिंक्स और स्नैक्स में पाया जाता है) का स्तर बहुत बढ़ जाता है, जिससे लिवर में चर्बी जमा होती है और इंसुलिन से संबंधित समस्याएँ पैदा होती हैं।
बच्चों को बचपन से ही स्वस्थ आहार की आदतें सिखाना बहुत जरूरी हो गया है। बच्चों के खाने में से अतिरिक्त चीनी को कम करना चाहिए, ताकि उन्हें लिवर की बीमारियों से बचाया जा सके। इसके लिए माता-पिता को अपने बच्चों के आहार में बदलाव लाने होंगे और उनके लिए संतुलित आहार की व्यवस्था करनी होगी।
लिवर की बीमारियों से बचाव के उपाय
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संतुलित आहार अपनाएं: लिवर की सेहत के लिए ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन, और स्वस्थ वसा (जैसे जैतून का तेल) को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इन खाद्य पदार्थों से लिवर को जरूरी पोषण मिलता है और यह उसकी मरम्मत में मदद करते हैं।
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प्रोसेस्ड फूड से बचें: तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए इनका सेवन कम से कम करें। अगर आप बाहर का खाना खाते हैं, तो ध्यान रखें कि वह ताजगी से बना हो और इसमें कम से कम शर्करा और वसा हो।
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भरपूर पानी पिएं: शरीर में पानी की कमी से लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है, इसलिए दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं। इससे शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और लिवर स्वस्थ रहता है।
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शारीरिक सक्रियता बनाए रखें: नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियाँ जैसे योग, व्यायाम, या तेज़ चलना करने से लिवर की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। इसके अलावा, यह मोटापे को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जो लिवर से जुड़ी बीमारियों का एक प्रमुख कारण है।
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चीनी और शराब से बचें: अधिक चीनी और शराब का सेवन लिवर के लिए हानिकारक होता है। इसलिए इनका सेवन कम से कम करें, खासकर अगर आप लिवर से जुड़ी किसी बीमारी से ग्रस्त हैं।
लिवर की बीमारियों से बचाव के लिए खानपान में सुधार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर हम अपनी खानपान की आदतों को ठीक से नियंत्रित करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, तो लिवर से जुड़ी कई बीमारियों को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा, बच्चों को स्वस्थ आहार की आदतें सिखाकर उन्हें भविष्य में लिवर और अन्य संबंधित बीमारियों से बचाया जा सकता है। स्वस्थ खानपान और जीवनशैली के जरिए हम न केवल लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य में भी सुधार ला सकते हैं।
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