विद्याभवन स्कूल की 92वीं वर्षगांठ मनाई
उदयपुर। जिले में बुनियादी शिक्षा, रोजगारपरक व तकनीकी शिक्षा एवं शैक्षिक नवाचारों के साथ बेहतर शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध विद्याभवन उच्च माध्यमिक विद्यालय की 92 वीं वर्षगांठ शुक्रवार को विद्याभवन के मुक्ताकाशी रंगमंच पर मनाई गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्याभवन के पूर्व छात्र एवं विदेश में कन्सल्टींग एवं व्यापारिक कम्पनी के प्रबंध निदेशक हरप्रीत सिंह पुरी ने विद्यालय से जुड़ी यादों व अनुभव को साझा करते हुए कहा कि विद्याभवन मेरी मातृ संस्था है तथा मैंने आज जो कुछ पाया है वह सब यहीं से पाया है। उन्होंने कहा कि जीवन में सदैव अच्छी कार्य करते हुए आगे बढ़ना चाहिए तभी सफलता प्राप्त हो सकती है। विशिष्ट अतिथि डॉ. विनया पेण्डसे, विद्याभवन सोसायटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुराग प्रियदर्शी, विद्याभवन सोसायटी के अध्यक्ष अजय मेहता, विद्याबंधु संघ अध्यक्षा श्रीमती पुष्पा शर्मा, सोसायटी के समस्त कार्यकारिणी सदस्य, विद्याभवन समस्त संस्थाओं के पदाधिकारीगण एवं संकाय सदस्य उपस्थित थे।
सोसायटी अध्यक्ष अजय मेहता ने कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन में सभी धर्मो को समानता प्रदान करते हुए पर्यावरण, संस्कृति, सामाजिक मूल्य आदि की रक्षा करें। शिक्षा व्यक्ति के हितों का निर्धारण करती है आज के संदर्भ में यह जरूरी है कि हम जीवन मूल्यों को समझते हुए ’सभी के साथ समानता का व्यवहार करें। जीवन में आने वाली चुनौतियों का मिलकर मुकाबला करें तभी हम एक सफल नागरिक बनेंगे तथा हमारा जीवन सार्थक होगा।
प्राचार्य पुष्पराज राणावत ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए अवगत कराया कि डॉ. मोहनसिंह मेहता ने 21 जुलाई 1931 को विद्याभवन स्कूल की स्थापना की गई तब से लेकर आज तक हम प्रतिवर्ष यह पावन पर्व मना रहे हैं। यह उत्सव हमें जीवन में आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता है। इस दौरान विद्याभवन की सभी संस्थाओं ने मिलकर सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में चक धूम-धूम, पंचतत्व, ओ- मितवा, रंगीलो सावन, सतरंगी राजस्थान, चौमासो आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम, वर्षा ऋतु पर आधारित शास्त्रीय रागों, प्रकृति पर आधारित नाटक- संस्कृति और प्रकृति के मध्य आदान-प्रदान तथा पैड़ों की महत्ता विषयक प्रस्तुतियां ने सभी को प्रभावित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात् अतिथियों, सोसायटी सदस्यों व विद्यार्थियों ने वृक्षारोपण करते हुए पर्यावरण के प्रति अपना दायित्व निभाया।
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