गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख गुरुओं ने अपने अद्वितीय बलिदान और त्याग से सदैव सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की है। उनकी शहादत और परंपरा आज भी देश की आत्मा में जीवित है और नई पीढ़ियों को प्रेरणा देती है।
मुख्यमंत्री रविवार को गोरखपुर के पैडलेगंज स्थित गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गुरुद्वारा भवन के नए स्वरूप, पर्यटन विकास कार्यों और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने गुरुवाणी सुनी और संगत के बीच शामिल होकर श्रद्धा व्यक्त की। गुरुद्वारा समिति ने उन्हें प्रतीक चिन्ह और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोविंद सिंह जी महाराज तक सभी सिख गुरुओं ने सनातन धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर किया। उन्होंने विशेष रूप से गुरु तेग बहादुर जी की शहादत और गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों के बलिदान को भारतीय इतिहास का गौरवशाली अध्याय बताया।
सीएम योगी ने कहा, “जब छोटे साहिबजादों को लालच दिया गया कि इस्लाम स्वीकार कर लो, तो जीवन और रियासत दोनों सुरक्षित रहेंगे, लेकिन उन्होंने झुकने के बजाय धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया। दीवार में चुनवाए जाने के बावजूद उनकी निष्ठा अडिग रही।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 26 दिसंबर को पूरे देश में ‘वीर बाल दिवस’ मनाने के निर्णय को सिख परंपरा के प्रति श्रद्धांजलि बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुद्वारा किसी जाति या समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां आने वाले हर व्यक्ति का स्वागत होता है। यही सिख परंपरा और गुरुवाणी का वास्तविक संदेश है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर के प्रमुख तीन गुरुद्वारों — जटा शंकर, मोहद्दीपुर और पैडलेगंज — को सरकार और पर्यटन विभाग की मदद से बेहतर स्वरूप दिया गया है।
योगी ने इस अवसर पर यह भी स्मरण किया कि 421 वर्ष पूर्व इसी दिन गुरु ग्रंथ साहिब जी को हरमंदिर साहिब में स्थापित कर गुरु के रूप में स्वीकार किया गया था। उन्होंने कहा कि यह परंपरा आज भी पूरे विश्व में आस्था और श्रद्धा का केंद्र बनी हुई है।
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