
न्यूयॉर्क। भारतीय मूल के और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखर आलोचक माने जाने वाले ज़ोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के नए मेयर चुन लिए गए हैं। इसके साथ ही न्यूयॉर्क को उसका 111वां मेयर मिल गया है—एक ऐसा ऐतिहासिक नाम, जिसने अमेरिकी राजनीति में अल्पसंख्यक नेतृत्व का नया अध्याय जोड़ दिया है।
मंगलवार को घोषित नतीजों में ममदानी ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लीवा को मात देकर भारी जीत दर्ज की। 34 वर्ष की उम्र में वह पिछले एक सदी में देश के सबसे बड़े शहर के सबसे युवा मेयर बन गए हैं, और साथ ही न्यूयॉर्क शहर के इतिहास में पहले मुस्लिम मेयर भी।
कुओमो पर प्राइमरी में उलटफेर ने जीत की नींव रखी
जून में हुए डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव ने इस मेयर रेस की दिशा बदल दी थी। राजनीतिक रूप से बेहद प्रभावशाली माने जाने वाले तीन बार के गवर्नर एंड्रयू कुओमो को ममदानी ने हराकर अमेरिकी राजनीति में व्यापक चर्चा पैदा कर दी थी।
विश्लेषकों के अनुसार, इसी उलटफेर ने मेयर चुनाव में उनकी दावेदारी को मजबूती दी और उन्हें लोकतांत्रिक मतदाताओं के बीच निर्णायक बढ़त दिलाई।
एरिक एडम्स के हटने से मुकाबला हुआ सीधा
वर्तमान मेयर एरिक एडम्स ने इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने का फैसला किया था, लेकिन सितंबर में अचानक रेस से हट गए। एडम्स के हटने के बाद चुनाव का माहौल पूरी तरह बदल गया और मुकाबला साफ तौर पर ममदानी, कुओमो और रिपब्लिकन कर्टिस स्लीवा के बीच सिमट गया।
शहर की राजनीति पर नज़र रखने वाले जानकारों का कहना है कि एडम्स के हटते ही चुनाव में प्रगतिशील मतदाताओं का झुकाव और अधिक तेज़ी से ममदानी की ओर बढ़ा।
न्यूयॉर्क के लिए बदलाव का संकेत
ममदानी हमेशा से आवास संकट, पुलिस सुधार, प्रवासी समुदायों के अधिकार और बढ़ती आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर मुखर रहे हैं। उनकी जीत को शहर में प्रगतिशील राजनीति की बड़ी सफलता माना जा रहा है। उनके समर्थक उम्मीद कर रहे हैं कि यह नई नेतृत्व शैली न्यूयॉर्क शहर को एक मॉडल सिटी के रूप में उभारने में मदद करेगी।
हालांकि चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। न्यूयॉर्क फिलहाल अपराध दर, महंगाई, आवास की कमी और बढ़ती आव्रजन मुश्किलों से जूझ रहा है। ऐसे में 34 वर्षीय ममदानी इन समस्याओं से कैसे निपटते हैं, यह उनकी नेतृत्व क्षमता की पहली असली परीक्षा होगी।
अमेरिकी राजनीति में अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व का विस्तार
विशेषज्ञों का मानना है कि ममदानी की जीत सिर्फ न्यूयॉर्क शहर की राजनीति को नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ा संकेत देती है।
प्रगतिशील विचारधारा के उभार और अल्पसंख्यक समुदायों के बढ़ते राजनीतिक प्रतिनिधित्व को यह जनादेश नई दिशा देता है।
मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ भारतीय मूल के प्रवासियों के लिए भी यह जीत एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में देखी जा रही है।
जनवरी में संभालेंगे मेयर का कार्यभार
ज़ोहरान ममदानी जनवरी 2026 में आधिकारिक तौर पर मेयर पद की शपथ लेंगे। उनके साथ न्यूयॉर्क शहर एक नए दौर की शुरुआत करने जा रहा है—अधिक प्रगतिशील एजेंडा, नए राजनीतिक तेवर और समुदाय-केंद्रित नीतियों की उम्मीदों के साथ।
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