
ढाका। बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अशांति के बीच लक्ष्मीपुर जिले से सामने आई यह घटना देश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था की भयावह तस्वीर पेश करती है। बीएनपी नेता बेलाल हुसैन के घर को तड़के आग के हवाले किया जाना और उसमें सात साल की मासूम बच्ची आयशा अख्तर की जिंदा जलकर मौत, राजनीतिक हिंसा के अमानवीय रूप को उजागर करता है। यह हमला केवल एक राजनीतिक कार्यकर्ता को निशाना बनाने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें निर्दोष बच्चों और परिवार को जान की कीमत चुकानी पड़ी।
घटना का तरीका—घर के दरवाजों को बाहर से बंद कर पेट्रोल डालकर आग लगाना—यह संकेत देता है कि यह महज़ तोड़फोड़ नहीं बल्कि सुनियोजित हमला था। प्रत्यक्षदर्शी हाजेरा बेगम के बयान से साफ है कि उपद्रवियों का इरादा किसी को बच निकलने का मौका देना नहीं था। सात साल की बच्ची की मौत और दो किशोरियों का 50-60 प्रतिशत तक झुलस जाना, हिंसा की क्रूरता को रेखांकित करता है।
यह वारदात ऐसे समय पर हुई है जब मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पहले से ही देश में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है। हाल के हफ्तों में पत्रकारों, अल्पसंख्यकों और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों पर हमलों की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे यह सवाल और गहरा हो गया है कि क्या राज्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल हो रहा है।
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में आम नागरिकों और बच्चों का निशाना बनना बांग्लादेश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए गंभीर चेतावनी है। यदि ऐसी घटनाओं पर त्वरित और सख्त कार्रवाई नहीं होती, तो इससे न सिर्फ राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में भय और असुरक्षा की भावना और गहरी हो जाएगी। यह घटना अंतरिम सरकार के लिए एक बड़ी परीक्षा है कि वह दोषियों को न्याय के कटघरे में लाकर कानून के राज को बहाल कर पाती है या नहीं।
Keywords : Bangladesh Violence, BNP Leader House Attack, Political Unrest, Child Burnt Alive, Lakshmipur Incident, Law and Order Crisis, Interim Government, Political Arson, Civilian Casualties, Bangladesh Politics
About Author
You may also like
-
उदयपुर में वकीलों का अरावली संरक्षण आंदोलन: कोर्ट से कलेक्ट्रेट तक रैली, प्रकृति से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
-
तोशाखाना-2 फैसला: इमरान खान को 17 साल की सजा, क्या यह भ्रष्टाचार पर कार्रवाई है या राजनीति से प्रेरित न्याय?
-
ढाका में हिंसा, मीडिया पर हमले और हिन्दू युवक की हत्या : बांग्लादेश में क़ानून-व्यवस्था पर गहराता संकट
-
सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में टी20 विश्व कप 2026 के लिए भारतीय टीम घोषित, शुभमन गिल बाहर
-
कुछ नेताओं की जमीनों में ही क्यों है दिलचस्पी?