महाराणा भूपाल अस्पताल में विकसित होगा डिजिटल पार्किंग सिस्टम
आरएनटी से संबंद्ध सभी छह अस्पतालों में मरीजों की सुविधा के लिए करोड़ों के प्रस्तावों का अनुमोदन
– राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की साधारण सभा में हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय
उदयपुर। रविन्द्रनाथ टैगोर आर्युविज्ञान महाविद्यालय उदयपुर से संबद्ध अस्पतालों की राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की सालाना साधारण सभा बैठक बुधवार को आरएनटी सभागार में संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में हुई। बैठक में टीएडी आयुक्त ताराचंद मीणा, जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल, नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष, सीईओ स्मार्टसिटी अपर्णा गुप्ता, नगर निगम महापौर गोविन्द टांक, वल्लभनगर विधायक प्रीति गजेंद्र शक्तावत आदि की मौजूदगी में संभाग के सबसे बड़े महाराणा भूपाल अस्पताल सहित आरएनटी से संबद्ध सभी छह अस्पतालों में मरीजों की सुविधा के लिए विभिन्न उपकरण खरीदने सहित अन्य कार्यों के प्रस्तावों का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।
साथ ही अस्पताल परिसर में पार्किंग की समस्या के स्थायी समाधान के लिए डिजिटल पार्किंग सिस्टम बनाने सहित अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
प्रारंभ में आरएनटी प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ विपिन माथुर, एमबी अस्पताल अधीक्षक डॉ आर एल सुमन सहित अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया।
प्राचार्य डॉ माथुर ने अवगत कराया कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अस्पताल को 140.40 करोड़ की आय हुई है। साथ ही उन्होंने अस्पतालों में जरूरी संसाधनों की ओर से भी ध्यान आकर्षित किया। संबंधित अस्पतालों के प्रभारी अधिकारियों ने गत बैठक कार्यवाही पालना विवरण पटल पर रखे। संभागीय आयुक्त श्री भट्ट ने कार्यों की प्रगति संबंधी जानकारी ली।
पार्किंग समस्या का होगा स्थायी समाधान:
बैठक में एमबी अस्पताल परिसर में पार्किंग की समस्या पर चर्चा की गई। जनप्रतिनिधियों और सोसायटी सदस्यों ने भी विचार व्यक्त किए। संभागीय आयुक्त भट्ट ने डिजिटल पार्किंग सिस्टम के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। इसके तहत अस्पताल परिसर के छह प्रवेश द्वारों को स्टाफ एंट्री, एम्बुलेंस एंट्री, सामान्य प्रवेश एवं निकासी, केवल प्रवेश अथवा केवल निकासी जैसे वर्गीकरण के साथ आरक्षित करने, डिजिटल पार्किंग व्यवस्था करने, निःशुल्क पार्किंग के साथ ही शत प्रतिशत वाहनों को टोकन जारी करने, बिना टोकन किसी भी वाहन को अस्पताल परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं रहेंगी। इससे पार्किंग की समस्या हल होने के साथ ही अस्पताल परिसर से वाहन चोरी की वारदातों पर भी अंकुश लगेगा। संभागीय आयुक्त ने कहा कि अस्पताल परिसर के अंदर सिर्फ और सिर्फ स्टॉफ एवं मरीजों को लेकर आने वाले वाहनों का ही प्रवेश होना चाहिए। बाहरी पार्किंग को बंद कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
सीएसआर से खरीदेंगे वाहन:
बैठक में एमबी सहित अन्य अस्पतालों के लिए एम्बुलेंस, रात्रि में ऑन काल चिकित्सकों को लाने के लिए वाहन, अस्पताल परिसर में ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक सामग्री पहुंचाने के लिए वाहन आदि की आवश्यकता पर चर्चा की गई। संभागीय आयुक्त ने बैंक्स के साथ सीएसआर के तहत वाहनों की व्यवस्था के निर्देश दिए।
बाय एण्ड बेक पॉलिसी से खरीदें जाएं उपकरण
संभागीय आयुक्त भट्ट ने अस्पतालों में उपकरण खरीद के प्रस्तावों पर प्रत्येक उपकरण की उपयोगिता पर सवाल-जवाब किए। साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पतालों में जो भी नए उपकरण खरीदें जाएं, वह बाय एण्ड बेक की पॉलिसी से खरीदें। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि कोई उपकरण खराब हो गया हो अथवा आउट डेटेड हो तो उसके बदले नया खरीदते समय यथासंभव टेण्डर में पुराने मशीन को देने तथा उसके बदले रेट में डिस्काउंट लेने पर ध्यान दिया जाए।
अब अन्य राज्यों के सैन्य जवानों का भी निःशुल्क उपचार:
बैठक में महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील निर्णय लिया गया। इसके तहत अब सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल में अन्य राज्यों के सेना/आर्मी/ पैरामिलिट्री स्टाफ को भी निःशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। इसका व्यय आरएमआरएस से व्यय किया जाएगा। आरएनटी प्राचार्य डॉ. माथुर ने कहा कि राजस्थान के सेना, आर्मी स्टॉफ को तो चिंरजीवी योजना में निःशुल्क उपचार सुविधा मिल जाती है, लेकिन बाहरी राज्यों के जवानों को नहीं मिल पाती। इस पर संभागीय आयुक्त भट्ट ने कहा कि सेना के जवान किसी एक क्षेत्र के नहीं, पूरे देश के हैं। उन्हें निःशुल्क उपचार मिलना ही चाहिए। इस पर सदन में मौजूद सभी सदस्यों और अधिकारियों ने एक स्वर में सहमति दी।
इन प्रमुख प्रस्तावों का अनुमोदन
एमबी अस्पताल के रेडियोडाईग्नोसिस विभाग में डिजिटल एक्स-रे मशीन एवं सोनोग्राफी मशीन के लिए 150 लाख रूपए, बाल चिकित्सालय के लिए 4.4 करोड़ की लागत से उपकरण क्रय करने, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 40 लाख रूपए की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाने, 21.80 लाख की लागत से ईटीपी/एसटीवी प्लांट बनाने, न्यूरोलॉजी विभाग में 50 लाख की लागत से वीडियो ईईजी मशीन तथा एनेस्थिसिया वर्क स्टेशन की व्यवस्था, कार्डियोलॉजी विंग में 54 लाख की लागत से एनेस्थिसिया वर्क स्टेशन एवं दो हॉल्टर मोनिटरिंग सिस्टम, गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी विभाग में 70 लाख की लागत से हाई जिलोलूशन मेनोमिटरी मशीन, 32 लाख की लागत से ईएचएल सिस्टम तथा 45 लाख की लागत से सी-आर्म मशीन क्रय करना, सीटीवीएस विभाग में 54 लाख की लागत से उपकरण क्रय करना, पन्नाधाय महिला चिकित्सालय में 50-50 लाख की 16 एफडीआर कराना, 85 लाख रूपए की लागत से उपकरण खरीदी, टीबी अस्पताल बड़ी में सोलर रोड लाईटस् लगवाने तथा स्व श्री खेमराज कटारा सेटेलाइट हॉस्पीटल हिरण मगरी एवं सेटेलाइट हॉस्पीटल अंबामाता के भी विभिन्न प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा भी नियमित कार्यों, साफ सफाई, वॉश एरिया विकास, एजेंसी के माध्यम से मानव संसाधन नियोजन आदि से जुडे़ प्रस्तावों का भी अनुमोदन हुआ।
भट्ट हुए नाराज, कहा-अस्पताल को अपना समझ कर करें कार्यः
बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग से जुड़े कुछ कार्य लंबे समय से बकाया होने, फायर सिस्टम की ऑडिट के बाहर अपेक्षित बजट जारी करने के बावजूद जरूरी सुधार नहीं किए जाने पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के प्रति संभागीय आयुक्त भट्ट ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अस्पताल ऐसी जगह है, जहां सभी को आना पड़ता है। इसलिए अधिकारी पूर्ण संवेदनशीलता रखते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाएं। आवंटित कार्य को ड्यूटी नहीं मान कर अस्पताल को अपना समझते हुए काम करें।
यह भी रहे मौजूद:
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक जुल्फिकार अहमद काजी, अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर राजीव द्विवेदी, पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया, सदस्य सीमा पंचौली, स्वयंभू शर्मा, पंकज शर्मा, डॉ सुशीला खोईवाल, डॉ राहुल जैन, डॉ मनोज आर्य, डॉ आसित मित्तल, डॉ सुनील गोखरू, डॉ मुकेश बड़जात्या, डॉ सुधा गांधी सहित सभी अस्पतालों की आरएमआरएस के मनोनीत सदस्य, चिकित्साधिकारी, विभागाध्यक्ष आदि उपस्थित रहे।
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