
उदयपुर। दर्शकों के मन में एक अविस्मरणीय छवि बनाते हुए रविवार रात्रि शिल्पग्राम के दर्पण प्रेक्षागृह में मल्हार उत्सव का सफल समापन हुआ। दर्शकों ने मल्हार उत्सव को सांस्कृतिक केंद्र की एक अनुपम भेंट बताया।
आज हैदराबाद के शंकरानंद कलाक्षेत्र एन्सेम्बल भरतनाट्यम की नयनाभिराम प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मन्त्र मुग्ध कर दिया। पद्मश्री डॉ. आनंदा शंकर जयंत के निर्देशन में तैयार इन शानदार कृतियों को बेंगलुरु और हैदराबाद से आये तेरह पारंगत कलाकारों ने प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम की शुरुआत “गणपति तालनम” से हुई। मंगलमूर्ति की आराधना में मधुर संगीत, विभिन्न मुद्राओं और लयकारी का सामंजस्य बहुत प्रभावी था। दूसरी पेशकश शन्मुखा थी जिसमें भगवान् कार्तिकेय की वीरता के वर्णन के साथ मनोरम मयूर नृत्य की प्रस्तुति देखने को मिली। अगली कृति “देवी उपासकम” में आदि देवी के विभिन्न स्वरूपों का दिव्य दर्शन हुए।

पदमश्री आनंदा जी ने अपनी इस मेवाड़ यात्रा में मीरा बाई की भक्ति रचना “ तुमबिन मोरे कौन खबर ले गोवर्धन गिरधारी” को शामिल किया। राग मिश्र मालकौंस में इस एकल प्रस्तुति में आंगिक और सात्विक अभिनय से दर्शकों को मन्त्र मुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का समापन समवेत नृत्य रचना – ‘ॐ नमः शिवाय’ से किया जिसमें राग मालिका और तालमालिका का उम्दा समावेश था। कार्यक्रम में गुरु आनन्दा शंकर के अलावा मिथुन श्याम, नेहा सत्तन्पल्ली, श्रीनिधि रामास्वामी, श्रीविद्या श्री पथी, अर्चिता भट्ट, रिधिश्री यादव, खेवना रेड्डी, अवनी चेत्लुरी, सुहानी चटर्जी ,श्रेया सुनील,आराद्या गौतम और जेशिता रेड्डी शिरकत ने शिरकत की। संदीप दत्ता (दिल्ली) ने अप्रतिम प्रकाश योजना से सभी प्रस्तुतियों को रोचक बनाया। शंकरानंद कलाक्षेत्र एन्सेम्बल, हैदराबाद की दर्जेदार भरतनाट्यम प्रस्तुतियों ने मल्हार उत्सव को यादगार बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत “गणपति तालनम” से हुई। मंगलमूर्ति की आराधना में मधुर संगीत, विभिन्न मुद्राओं और लयकारी का सामंजस्य बहुत प्रभावी था। दूसरी पेशकश शन्मुखा थी जिसमें भगवान् कार्तिकेय की वीरता के वर्णन के साथ मनोरम मयूर नृत्य की प्रस्तुति देखने को मिली। अगली कृति “देवी उपासकम” में आदि देवी के विभिन्न स्वरूपों का दिव्य दर्शन हुए। पदमश्री आनंदा जी ने अपनी इस मेवाड़ यात्रा में मीरा बाई की भक्ति रचना “ तुमबिन मोरे कौन खबर ले गोवर्धन गिरधारी” को शामिल किया। राग मिश्र मालकौंस में इस एकल प्रस्तुति में आंगिक और सात्विक अभिनय से दर्शकों को मन्त्र मुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का समापन समवेत नृत्य रचना – ‘ॐ नमः शिवाय’ से किया जिसमें राग मालिका और तालमालिका का उम्दा समावेश था। कार्यक्रम में गुरु आनन्दा शंकर के अलावा मिथुन श्याम, नेहा सत्तन्पल्ली, श्रीनिधि रामास्वामी, श्रीविद्या श्री पथी, अर्चिता भट्ट, रिधिश्री यादव, खेवना रेड्डी, अवनी चेत्लुरी, सुहानी चटर्जी ,श्रेया सुनील,आराद्या गौतम और जेशिता रेड्डी शिरकत ने शिरकत की। संदीप दत्ता (दिल्ली) ने अप्रतिम प्रकाश योजना से सभी प्रस्तुतियों को रोचक बनाया। शंकरानंद कलाक्षेत्र एन्सेम्बल, हैदराबाद की दर्जेदार भरतनाट्यम प्रस्तुतियों ने मल्हार उत्सव को यादगार बना दिया।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता एवं राहुल भटनागर ने सांस्कृतिक केंद्र द्वारा तैयार पोर्टफोलियो पद्मश्री डॉ. आनंदा शंकर जयंत को भेंट किया।


About Author
You may also like
-
विद्या, सेवा और ममत्व की मूर्त रूप थीं — सरस्वती सिंघल को विद्या भवन परिवार की भावभीनी श्रद्धांजलि
-
धौलपुर में नंदघर की पहल : आंगनवाड़ियों का स्वरूप बदलकर प्रारंभिक बाल विकास में क्रांति
-
अमृत भारत स्टेशन योजना : भारतीय रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक नया युग
-
एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025: भारत ने आज जीते तीन गोल्ड मेडल, कुल स्वर्ण पदकों की संख्या हुई 8
-
पहलगाम हमला : शुभम द्विवेदी के परिवार ने पीएम मोदी से बातचीत का खुलासा किया