उदयपुर। बीकानेर के क्षत्रप नेता देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी के बाद मेवाड़ के रणधीर सिंह भींडर के भाजपा में शामिल होने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। रणधीर सिंह भींडर के भाजपा छोड़ने के बाद से वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी पिछले चुनावों में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।
अब भी भाजपा की स्थिति वैसी ही बनी हुई है क्योंकि पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर लगातार अपने क्षेत्र में यात्रा पर हैं और लोगों से रूबरू हो रहे हैं। उनकी पार्टी जनता सेना का दायरा भी मेवाड़ की अन्य सीटों पर बढ़ता जा रहा है।
वल्लभनगर क्षेत्र में करीब डेढ़ दशक पहले एक कार्यकर्ता की संदिग्ध मौत के विवाद के बाद रणधीर सिंह भींडर का पार्टी ने टिकट काटा। चुनाव लड़े तो पार्टी ने बाहर कर दिया। इसके बाद मेवाड़ के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया व रणधीर सिंह भींडर के बीच अदावत बढ़ती गई। कटारिया हमेशा भींडर के विरोध में खड़े रहे और उनकी पार्टी में वापसी नहीं हो सकी। गत उपचुनावों में पार्टी का टिकट तय करने में कटारिया का भी प्रभाव काम नहीं आया और वहां से सीपी जोशी के करीबी को टिकट दे दिया गया।
कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि अब भींडर की भाजपा में वापसी हो जाएगी, लेकिन अब पेच अलग फंस गया है। वल्लभनगर चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, ऐसे में वहां भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी जो चित्तौड़ से सांसद भी हैं, उनकी अपनी टीम खड़ी हो गई है।
अब सीपी जोशी वहां से अपने समर्थक को टिकट की पैरवी करेंगे और भींडर अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे ही। क्योंकि भींडर और वल्लभनगर की जनता से उनका दशकों साथ है और दिली रिश्ता आज भी कायम है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भी उनके प्रति सहानुभूति है।
बात मौजूदा स्थिति की करें तो रणधीर सिंह भींडर का अब भी वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में अच्छा जनाधार कायम है। कांग्रेस और बीजेपी किसी को भी टिकट दे, लेकिन पार्टियों से असंतुष्ट नेता भींडर की शरण में ही जाएंगे।
पूर्व विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद हुए उपचुनावों में हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने भी यहां सेंध मारी थी और भाजपा के वोट काटे थे। भींडर की वापसी नहीं होती है तो वल्लभनगर में भाजपा की वही स्थिति रहने वाली है।
About Author
You may also like
-
देश और पड़ोसी देश की प्रमुख खबरें : उमर खालिद को अंतरिम जमानत, बहराइच हिंसा में एक को फांसी की सजा, पाक में इमरान के करीबी को भी सजा
-
फिल्म धुरंधर और असल जिंदगी के रहमान डकैत—सिनेमा और सच के बीच की खतरनाक रेखा
-
अगर आपने संसद में राहुल और अमित शाह का टकराव नहीं देखा तो यहां पढ़िए…
-
प्रेमिका के लिए पत्नी की मर्डर : कोर्ट ने आरोपी पति को सुनाई सजा-ए-मौत
-
वंदे मातरम विवाद पर अरशद मदनी का बयान : मुसलमानों की देशभक्ति के लिए किसी प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं