शिक्षा के मंदिरों में हो रहा है भारत के भविष्य का निर्माण – श्रीमाली
उदयपुर। यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ समाजसेवी रवीन्द्र श्रीमाली ने कहा है कि शिक्षा के मंदिरों में भारत के भविष्य का निर्माण हो रहा है, ऐसे में हमें इन मंदिरों को भी सुदृढ़ बनाना और देश के स्वर्णिम भविष्य के लिए सशक्त भावी पीढ़ी को तैयार करना होगा।
श्रीमाली शनिवार को शहर के समीपस्थ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वरड़ा में भामाशाह प्रेरक डाॅ. सोनल कंठालिया की मदद से विद्यार्थियों को सौ से अधिक ट्रेक सूट, टीशर्ट्स व केप वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में विद्यार्थियों के लिए एकाग्रता को जरूरी बताया और शिक्षार्जन के साथ सर्वतोमुखी विकास के वाहक बनने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से समय प्रबंधन की जरूरत बताई व कहा कि ध्यान से स्मरण शक्ति का होता है, ऐसे में हर विद्यार्थी समय का प्रबंधन करते हुए नियमित ध्यानाभ्यास करें। इस मौके पर उन्होंने पीएम ने नारी वंदन कार्यक्रम और शैक्षिक प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में बताया व विद्यालय की आवश्यकताओं के अनुरूप भौतिक विकास के लिए हरसंभव सहयोग का भी आश्वासन दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक प्रतिनिधि इंद्रसिंह मोजावत ने राज्य सरकार द्वारा दी जा रही शैक्षिक प्रोत्साहन की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए इस जनजाति अंचल के विद्यालय की आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। कश्ती फाउंडेशन प्रमुख श्रद्धा मुर्डिया ने विद्यालय में हो रही सृजनात्मक गतिविधियों को शैक्षणिक विकास का आधार स्तंभ बताया और इसे अनवरत जारी रखने का आह्वान किया। सनातनी साहित्यकार कपिल पालीवाल ने शेरो-शायरियों और सनातनी विचारों की प्रस्तुति दी और विद्यार्थियों से नित्य हनुमान चालिसा पठन का आह्वान किया।
आरंभ में विद्यालय प्रधानाचार्य मनोहरलाल सुथार ने स्वागत उद्बोधन देते हुए विद्यालय विकास का परिदृश्य प्रस्तुत किया। उन्होंने विद्यालय के सृजनधर्मी शिक्षक हेमंत जोशी द्वारा विद्यालय के भौतिक व शैक्षणिक विकास में किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी।
इस मौके पर अतिथियों ने भामाशाह प्रेरक डाॅ. सोनल कंठालिया की प्रेरणा से लिजेंड्री राइडर्स आॅफ सिनीक मेवाड़ 6001 क्लब की ओर से विद्यार्थियों को ट्रेक सूट, टीशर्ट्स और कैप्स का निःशुल्क वितरण किया।
इस मौके पर एसएमसी अध्यक्ष करण सिंह देवड़ा, वार्ड पंच सोहनलाल वैष्णव, सुनील भट्ट सहित बड़ी संख्या में शिक्षक व अभिभावक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संगीता चौधरी ने किया।
मेवाड़ी और मानस की वाणी ने मन मोहा:
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रवींद्र श्रीमाली ने अपना संपूर्ण संबोधन मेवाड़ी बोली में दिया और उन्होंने इसमें रामचरित मानस की चैपाइयों का भरपूर प्रयोग करते हुए विद्यार्थियों को शैक्षणिक और आध्यात्मिक विकास के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ शिक्षक प्राप्त होना आध्यात्मिक विकास का आधार है।
विद्यालय की बोलती दिवारों से हुए अभिभूत:
कार्यक्रम से पूर्व रवीन्द्र श्रीमाली ने आदर्श स्कूल वरडा का निरीक्षण किया। उन्होंने समस्त कक्षा-कक्षों की अनूठी बनावट की सराहना की और वे इन पर सामान्य ज्ञान से संबंधित विषयवस्तु को आकर्षक ढंग से उकेरने के प्रयासों से अभिभूत दिखे। उन्होंने बच्चों से कक्षाओं की इन बोलती दीवारों की विषयवस्तु पर आधारित प्रश्न भी पूछे और विद्यार्थियों के सामान्य ज्ञान स्तर को भी परखा। इस दौरान उन्होंने कंटेनर में तैयार की गई हाईटेक लाइब्रेरी को भी देखकर प्रसन्नता जताई। सृजनधर्मी शिक्षक हेमंत जोशी ने विद्यालय का अवलोकन कराते हुए विषयवस्तु की जानकारी दी।
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