उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए CMHO (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) कार्यालय में पदस्थ सहायक प्रशासनिक अधिकारी आशिष डामोर को ₹1.5 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई जयपुर शहर प्रथम इकाई द्वारा की गई।
दोपहर करीब 3:45 बजे ACB की टीम ने CMHO ऑफिस में दबिश दी। जयपुर से आई टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह कर रहे थे, जबकि पूरे ऑपरेशन की निगरानी खुद उपमहानिरीक्षक राजेश सिंह कर रहे थे। कार्रवाई पूर्व नियोजित थी और ACB को पहले से ही सूचना थी कि अधिकारी एक निजी अस्पताल संचालक से लाइसेंस बचाने के एवज में रिश्वत की रकम की दूसरी किस्त आज लेने वाला है।
शिकायत के मुताबिक, आरोपी अधिकारी आशिष डामोर ने परिवादी से 2.5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत की जांच में ACB ने पाया कि 2 लाख रुपये पर समझौता हुआ था, जिसमें से ₹50,000 की पहली किश्त पहले ही आरोपी को दी जा चुकी थी। आज की कार्रवाई के दौरान आरोपी ₹1.5 लाख की शेष राशि ले रहा था, उसी समय उसे पकड़ लिया गया।
ACB ने आरोपी के उदयपुर स्थित आवास और खेरवाड़ा स्थित पैतृक गांव के घर पर भी छापेमारी शुरू कर दी है। टीम को शक है कि आरोपी के पास अवैध संपत्ति या अन्य दस्तावेज हो सकते हैं, जिनसे भ्रष्टाचार के और सुराग मिल सकते हैं।
आशिष डामोर, उम्र 35 वर्ष, ग्राम खंडी ओबरी, तहसील खेरवाड़ा, जिला उदयपुर का निवासी है। वर्तमान में वह CMHO कार्यालय, उदयपुर में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात है।
ACB ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और अग्रिम अनुसंधान जारी है। अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या इस मामले में विभाग के अन्य कर्मचारी या अधिकारी भी शामिल हैं।
DIG राजेश सिंह ने मीडिया को दिए संक्षिप्त बयान में कहा, “स्वास्थ्य विभाग जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भ्रष्टाचार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ACB की यह कार्रवाई हमारी जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।”
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या CMHO कार्यालय आरोपी अधिकारी को निलंबित करता है और क्या इस केस से जुड़े अन्य नामों का खुलासा होता है।
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