संगीत नाटक अकादेमी ,नई दिल्ली की जनरल कौंसिल ने किया चयन
उदयपुर। राजस्थान के युवा शास्त्रीय गायक समर्थ जानवे को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से नवाजा है। अकादमी ने वर्ष 2022 और 2023 के लिए संगीत, नाट्य, नृत्य, पुतली कला और अन्य लोक, जनजातीय प्रदर्शन कलाओं की 80 प्रतिभाओं का राष्ट्रीय स्तर पर चयन किया है।
संगीत नाटक अकादेमी के सचिब राजू दास के अनुसार इन प्रतिभाओं को संगीत नाटक अकादेमी की अध्यक्ष डाक्टर संध्या पुरेचा विशेष समारोह में पुरस्कृत करेंगी।
राजस्थान की युवा संगीत प्रतिभा ,उदयपुर के समर्थ जानवे का चयन शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में किया गया है। समर्थ जानवे को विशेष समारोह में 25हज़ार रुपये ,ताम्र पत्र और अंगवस्त्रम प्रदान किये जावेंगे।
समर्थ ने 10 वर्ष की आयु से राजस्थान के प्रसिद्ध संगीत गुरु पंडित चौथमल माखन से गुरुशिष्य परम्परा के तहत शास्त्रीय गायन की शिक्षा आरम्भ की बाद में संगीत मार्तण्ड पद्मभूषण पण्डित जसराज से मार्ग दर्शन प्राप्त किया।
गुरु की तालीम और समर्थ की अनवरत साधना रंग लाती गई और शास्त्रीय गायन में उत्तरोत्तर प्रगति होती रही। अपने मौलिक उपज के सात्विक और भावपूर्ण गायन से समर्थ श्रोताओँ को शीघ्र अपने साथ जोड लेते हैं। शास्त्रीय गायन में समर्थ को पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर से 2002 में सुर संगम सम्मान,संगीत कला केंद्र,आगरा से 2003 में नाद साधक सम्मान,2008 में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर से लोक संगीत में युवा पुरुस्कार,2012 में सुरसंगम संस्थान जयपुर से स्वर श्री सम्मान, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी से 2013 में युवा पुरस्कार मिला। समर्थ को राजस्थान संगीत नाटक अकादमी से और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार से युवा प्रतिभा छात्रवत्ति(2004-05) और जूनियर फेलोशिप (2014-15) मिली है।
संगीत नाटक अकादमी,नई दिल्ली, संगीत नाटक अकादमी,राजस्थान, गोवा कला अकादमी,जवाहर कला केंद्र,इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली,पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र,कोलकाता, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र,पटियाला,दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र,नागपुर एवम कई प्रतिष्ठित संस्थाओँ द्वारा आयोजित शास्त्रीय संगीत समारोहों और में समर्थ ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, प. बंगाल,असम, गुजरात,महाराष्ट्र,गोवा,पंजाब, हरियाणा, नई दिल्ली, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और आंध्र पदेश में श्रोताओँ को मंत्र मुग्ध किया है।
अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालय से संगीत अलंकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग से सेट की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले समर्थ जानवे ने मोहन लाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में 11वर्ष तक अतिथि व्याख्याता के रूप में सेवाएँ दे चुके हैं। समर्थ ने फीचर फिल्म,दस्तावेजी फिल्म,नाटकोँ,रूपकों और संगीत अलबमों के लिए गायन के साथ संगीत दिया है ।
23 मई,1984 को अजमेर में जन्मे समर्थ जानवे को बाल्यकाल से ही अपने ननिहाल और घर में कलात्मक माहौल मिला। समर्थ के पिता विलास जानवे रंग निर्देशक और मूकाभिनय के वरिष्ठ कलाकार हैं और माता श्रीमती किरण जानवे भी रंगमंच से जुडी हैं। समर्थ इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों को देते हैं।
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