भारी वाहन ना आए इसके लिए शक्ति नगर बोटल नेक के वहां पर गर्डर लगाने के निर्देश
उदयपुर। उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने शुक्रवार को शक्तिनगर बोटल नेक का निरीक्षण किया। इस दौरान ताराचंद जैन ने अधिकारियों को इस क्षेत्र में भारी वाहन ना आए इसके लिए बोटल नेक हटाने के बाद गर्डर लगाने के निर्देश दिए।
शहर के सूरजपोल चौराहा, देहलीगेट चौराहे पर बढ़ रहे यातायात दबाव को देखते हुए नगर निगम ने निगम परिसर के पीछे से कृषि विश्वविद्यालय से जमीन खरीदकर एक सड़क निकाली थी, लेकिन शक्ति नगर में बोटल नेक आने के कारण इस सड़क का उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पा रहा था।
इसको देखते हुए नगर निगम ने शक्ति नगर बोटल नेक में आ रहे मकान मालिकों से बात कर मकानों को अधिग्रहित किया और बोटल नेक हटाने का काम शुरू कर दिया। शुक्रवार को तोड़े जा रहे बोटल नेक को देखने के लिए शहर विधायक ताराचंद जैन निगम के अधिकारियों व पार्षदों के साथ पहुँचे और बोटल नेक का निरीक्षण किया।
इस दौरान इस रोड़ से भारी वाहन शक्ति नगर में आ सकें इसके लिए ताराचंद जैन ने बोटल नेक हटने के बाद एक गर्डर लगाने के निर्देश दिए ताकी दुपहिया वाहन के साथ-साथ कारें ही शक्ति नगर से होकर शास्त्री सर्कल की ओर जा सकें। निरीक्षण के दौरान ताराचंद जैन ने बोटल नेक के दूसरी और भी जाकर देखा, जहां पर शक्ति नगर रोड़ पर सड़क के बीच में एक ट्रांसफार्मर देखकर उन्होंने इस ट्रांसफार्मर को थोड़ा दूर शिफ्ट करने के निर्देश दिए। शहर विधायक ताराचंद जैन ने बताया कि मकान मालिकों की सहमति से बोटल नेक हटाने का काम शुरू हो गया है और शीघ्र ही बोटल नेक हटाकर 30 फीट सड़क बनाई जाएगी ताकी सूरजपोल और देहलीगेट पर यातायात का दबाव कम हो। इस दौरान निर्माण समिति अध्यक्ष सीए आशीष कोठारी, गैराज समिति अध्यक्ष मनोहर चौधरी, पार्षद मुकेश शर्मा, लोकेश गौड, भरत जोशी, मण्डल अध्यक्ष विजय आहूजा सहित निगम अधिकारी व स्थानीय लोग मौजूद थे।
About Author
You may also like
-
लूज़ टॉक : उदयपुर का गर्व ट्रम्प जूनियर नहीं… उदयपुर खुद है
-
YouTube जीत चुका है, और शायद हमारा समय भी…मेरी मां हर कमरे में रेडियो 4 चलाती थीं। मैं हर कमरे में YouTube चलाता हूं
-
राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल : 48 IAS अधिकारियों के तबादले, अखिल अरोड़ा एसीएस सीएम नियुक्त
-
अरबपति मोहब्बत और उदयपुर की चमक में एक ज़रूरी सच्चाई…
-
बेगानी शादी में अब्दुल्ला दिवाना’ बनने की बजाय इस धरती, इसकी झीलों और इसके प्राकृतिक वैभव की सुरक्षा को बराबर महत्व दें…शाही उत्सव के साये में छिपे प्रश्न—क्या उदयपुर इस वैभव की कीमत चुकाएगा?