कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र कार्यवाहक जसवंत खत्री ने अपने संबोधन ने कहा कि चिकित्सा एक दिव्य पेशा है जिसमें सेवा के साथ ही रोजगार जुड़ा हुआ है। भारतीय संस्कृति में दरिद्र नारायण को ही लक्ष्मी नारायण किसी संज्ञा दी गई है जिनकी सेवा करने का सौभाग्य चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण पेशे के माध्यम से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि भारत में चिकित्सा सुविधा दुनिया के अन्य विकसित देशों की तुलना में काफी किफायती है। यही वजह है कि आज भारत देश मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है लेकिन खान-पान एवं जीवन शैली में पश्चिम का अनुसरण करने से भारत में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान पीढ़ी को भारतीय परिवेश एवं पर्यावरण के अनुकूल खान-पान एवं जीवन शैली का नियमित प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है तभी हम बड़े स्तर पर पैदा हो रही स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना कर सकेंगे।
डॉक्टर्स मीट में डॉ राहुल जैन, डॉ देवेंद्र सरीन, डॉ अशोक आदित्य, आरएसएस के सह प्रांत प्रचारक धर्मेन्द्र, डॉ विवेक शर्मा, डॉ भगवान विश्नोई, डॉ राजेश मलिक, डॉ सुशील साहू, डॉ भुवनेश चम्पावत, डॉ राजवीर सिंह, डॉ आकाश सिंह सहित बड़ी संख्या में डॉक्टर्स एवं मेडीकल छात्र उपस्थित रहे।
नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन उदयपुर जिलाध्यक्ष एवं हिरणमगरी सेटेलाइट अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर राहुल जैन ने संगठन की कार्यप्रणाली, उद्देश्य और गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन एलोपैथी के प्रशिक्षित डॉक्टर एवं विद्यार्थियों का ऐसा अनूठा संगठन है जो वंचितों और विशेष कर आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण एवं पहुंच योग्य चिकित्सा सेवाओं के लिए कार्यरत है। “प्राणीनाम् आर्तिनाशनम्” ध्येय वाक्य के साथ यह संगठन 1977 से कार्य कर रहा है।
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