उदयपुर। भूपाल नोबल्स की संघटक इकाई भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अन्तर्गत इतिहास विभाग के तत्वावधान में महाविद्यालय के विभिन्न संकायों से 170 छात्र-छात्राओं के दल ने आहाड़ संग्रहालय का अवलोकन किया। वि़़द्यार्थियों ने भारतीय ताम्र पाषाण संस्कृति के मृत भाण्ड, पुरावशेष, मूर्तियां, सिक्के, मनके, आभूषण आदि की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन कर्नल प्रो. शिव सिंह सारंगदेवोत ने शैक्षणिक भ्रमण की उपयोगिता बताते हुए कहा कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण होने से विद्यार्थियों में सर्वांगीण विकास होता है। प्रेसिडेंट डॉ. महेन्द्र सिंह आगरिया ने विद्यार्थियों को विश्व की अन्य संस्कृतियों के बारे में अवगत कराया। रजिस्ट्रार मोहब्बत सिंह राठौड़ ने विद्यार्थियों को ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखने के प्रति जागरूक किया। प्राचार्य डॉ. रेणु राठौड़ ने ताम्र पाषाण संस्कृति की उपयोगिता एवं महत्ता की जानकारी दी।
विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज आमेटा ने संग्रहालय में छात्र-छात्राओं को भारत की अन्य ताम्रपाषाण संस्कृति के आहाड़ संस्कृति का पूर्ण परिचय देते हुए प्राचीन समय में सांस्कृतिक जीवन एवं क्रियाकलापों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस शैक्षणिक भ्रमण में इतिहास विभाग के डॉ. भानु कपिल, शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता डॉ. भूपेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. खुशबू कुमावत, डॉ. नन्द किशोर शर्मा, विधि संकाय के डॉ. शिखा नागौरी एकं पीयुष चौहान ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।
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