
फोटो : कमल कुमावत
उदयपुर। शहर के आसपास यूडीए और नगर निगम में शामिल की गई पंचायतों के गांवों में रहने वाले लोगों ने पट्टों की मांग को लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। करीब 70 ग्राम पंचायतों से आए ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जताया और बैरिकेड्स पर चढ़कर प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि वे वर्षों से इन गांवों में रह रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें अब तक वैध पट्टे नहीं दिए गए। यूडीए द्वारा कई जगहों पर लोगों के मकानों को अतिक्रमण बताकर हटाया जा रहा है, जिससे गरीब परिवार बेघर हो रहे हैं। हाल ही में सविना क्षेत्र में हुई कार्रवाई को लेकर भी प्रदर्शनकारियों में गहरा रोष देखा गया।

कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार के सामने हुई सभा को पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने संबोधित किया। संघर्ष समिति के चंदन सिंह देवड़ा ने कहा कि आश्वासन तो बहुत मिले, लेकिन जमीन पर कोई समाधान नहीं हुआ। जब प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन देने अंदर जा रहा था, उसी दौरान भीड़ बढ़ गई और हालात तनावपूर्ण हो गए। पुलिस ने फाटक बंद करने का प्रयास किया, जिस पर धक्का-मुक्की भी हुई।
मौके पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा ने समझाइश कर स्थिति को शांत किया और बैरिकेड्स पर चढ़े लोगों को नीचे उतरवाया। अंत में ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि 10 दिन के भीतर उनकी मांगों का निस्तारण नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं। ग्रामीणों की प्रमुख मांगों में आबादी वाली जमीन पंचायतों को सौंपना, बिना नोटिस तोड़े गए मकानों का मुआवजा देना और नए पैराफेरी गांवों को यूडीए से बाहर रखने की मांग शामिल है।
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