फोटो : कमल कुमावत

उदयपुर। उदयपुर के धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में एक विशेष रंग भरते हुए, शूल धारिणी सेना ने नवरात्रि से एक दिन पहले बुधवार को माता के नौ रूपों की भव्य शोभायात्रा निकाली। यह कार्यक्रम अपने आप में अद्वितीय है, जो हर साल इस शहर में नई ऊर्जा और भक्ति का संचार करता है।
इस आयोजन की तैयारी के लिए सेना के युवाओं ने कई दिनों तक परिश्रम किया। माता के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा इस शोभायात्रा में साफ़ दिखाई दी, जहाँ विभिन्न देवी रूपों की प्रतिमाएँ भक्तों के सामने प्रस्तुत की गईं। यह आयोजन, भक्ति की आस्था और एकता का प्रतीक है, जो हर भक्त के हृदय को आध्यात्मिक आनंद से भर देता है।

हालांकि, उदयपुर में अब तक इस कार्यक्रम को व्यापक स्तर पर सराहना नहीं मिली है, परंतु नवरात्रि से पूर्व माताओं के दर्शन कर भक्तों के बीच यह आयोजन बड़े महत्व का है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध है, बल्कि यह उदयपुर की धार्मिक धरोहर और सांस्कृतिक गौरव को भी पुनः स्थापित करता है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि शूल धारिणी सेना का यह प्रयास भविष्य में व्यापक पहचान प्राप्त करेगा और उदयपुर के सांस्कृतिक आयोजनों में महत्वपूर्ण स्थान बनाएगा। नवरात्रि से पहले ऐसा आयोजन भक्तों के लिए एक विशेष अनुभव होता है, जो उनके मन में भक्ति और श्रद्धा का संचार करता है।



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