फोटो : कमल कुमावत

उदयपुर। स्व. सुंदर सिंह भंडारी का जीवन सच्चे अर्थों में राष्ट्र निर्माण को समर्पित रहा। अनुशासन के प्रति उनका समर्पण इतना गहरा था कि एक बार उन्होंने कार्यक्रम शुरू होते ही द्वार बंद करवा दिए — भले ही बाहर मुख्यमंत्री ही क्यों न खड़े हों। यह संस्मरण शनिवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने साझा किया। वे आरसीए कॉलेज सभागार में “राष्ट्र निर्माण में स्व. सुंदर सिंह भंडारी का योगदान” विषयक व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे, जो सुंदर सिंह चेरिटेबल ट्रस्ट, उदयपुर द्वारा आयोजित की गई।
राज्यपाल कटारिया ने कहा कि “स्व. भंडारी अनुशासन के मामले में अत्यंत कठोर थे। बैठक का समय होता, तो वे ठीक उसी समय पहुंचते और प्रारंभ होते ही गेट बंद करवा देते। एक बार जब मुख्यमंत्री देरी से पहुंचे, तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें भीतर लाने का आग्रह किया, लेकिन भंडारी ने स्पष्ट कहा — मुख्यमंत्री हों या कार्यकर्ता, सब समान हैं। समय पर आना सबको सीखना चाहिए।”

कटारिया ने भंडारी के संघर्षपूर्ण जीवन को याद करते हुए कहा कि वे कभी मंदिर की सीढ़ियों पर, कभी रेलवे स्टेशन पर, तो कभी किसी दुकान के बाहर तख्त पर भी सो जाते थे। “उन्हें रोटी देने वाला नहीं मिलता था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका जीवन सच्चे समर्पण का उदाहरण है,” उन्होंने कहा।
राज्यपाल ने बताया कि “भंडारी की मौजूदगी में अटल बिहारी वाजपेयी तक बिना अनुमति कुछ नहीं बोलते थे। उनके अनुशासन और आदर्शों के सामने सब नतमस्तक थे। वे उस दौर में असम के आखिरी छोर तक जाने वाले गिने-चुने नेताओं में से थे।”

सुखाड़िया ने भी झुका शीश
कटारिया ने एक और प्रसंग साझा किया — “एक बार भंडारी थर्ड क्लास डिब्बे से उतरे और उसी ट्रेन में फर्स्ट क्लास से उतरने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया, स्वयं उनके पास आए और आशीर्वाद लिया। यह भंडारी के सिद्धांतों और संघर्षों के प्रति आदर का प्रमाण था, भले ही दोनों की वैचारिक पृष्ठभूमि भिन्न थी।”

ट्रस्ट की भूमिका और सम्मान समारोह
कार्यक्रम की शुरुआत में ट्रस्ट अध्यक्ष ताराचंद जैन ने ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्षभर में पांच प्रमुख कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जो सेवा, समर्पण और प्रेरणा से ओतप्रोत रहते हैं। ट्रस्ट के 320 सदस्यों के माध्यम से एक करोड़ 22 लाख की एफडी के ब्याज से विगत 14 वर्षों से लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर 8 विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
सम्मानित प्रतिभाएँ:
खुशबू कंवर (माउंट आबू)
शांतिकुमार शर्मा (टोंक)
डॉ. दिलीप धींग (बंबोरा, उदयपुर)
हरीश चावला (उदयपुर)
डॉ. सुरेंद्र कुमार पोखरना (अहमदाबाद)
तनिष्क पटवा (चिकलवास, उदयपुर)
विधि सनाढ्य (बेदला, उदयपुर)
दीना कलासुआ (मोर डूंगरी सरूपाल, उदयपुर)
इन सभी को 11-11 हज़ार रुपये का चेक प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक ताराचंद जैन ने की। संचालन आलोक पगारिया ने किया, जबकि डॉ. उमाशंकर शर्मा (महामंत्री) और कुंतीलाल जैन (कोषाध्यक्ष) ने अतिथियों का स्वागत किया।

उपस्थित गणमान्य:
कार्यक्रम में सांसद मन्नालाल रावत, ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, शांतीलाल चपलोत, प्रेम सिंह शक्तावत, रामेश्वर रटलाई, गोपाल कुमावत, रजनी डांगी, रवि नाहर, गोविंद सिंह टांक, पुष्कर तेली, रवींद्र श्रीमाली सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

अपने जीवन के समर्पण से लाखों कार्यकर्ताओं के निर्माण को करने वाले जनसंघ के संस्थापक सदस्य श्री सुंदर सिंह भंडारी की जन्म जयंती पर गोवर्धन सागर स्थित उनकी प्रतिमा पर पंजाब के महामहिम राज्यपाल एवं चंडीगढ़ प्रशासक श्री गुलाबचंद कटारिया ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें संगठन का शिल्पी बताया।
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