क्या पूर्व सीएम वसुंधरा राजे उदयपुर शहर से चुनाव लड़ सकती हैं? लोकल लीडर्स की इतनी लोकप्रियता नहीं

राजकुमार शर्मा से मुलाकात

उदयपुर। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के उदयपुर दौरे ने सिटी पॉलिटिक्स में हलचल पैदा कर दी है। बात तो असम के राजभवन तक भी पहुंच गई होगी क्योंकि कटारिया के तमाम समर्थक वसुंधरा राजे के इर्द-गिर्द घूमते हुए दिखाई दिए। अबकी बार महामहिम आएंगे तो इस पर कटाक्ष होना तय है। बहरहाल कन्हैयालाल हत्याकांड के चश्मदीद राजकुमार शर्मा के घर जाकर उसके परिवार का दर्द बांटकर वसुंधरा राजे ने उन नेताओं को तमाचा जड़ा है जो जाति और धर्म की राजनीति में आगे खड़े होते हैं।


खासतौर पर ब्राह्मण नेताओं को इस बात पर विचार करना चाहिए जो समाज के नाम पर हासिल तो सबकुछ करना चाहते हैं, लेकिन कर कुछ नहीं पाते हैं। मैं यहां एक गरीब ब्राह्मण राजकुमार शर्मा की बात कर रहा हूं, जिसका परिवार अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए एक बच्चे की सरकारी नौकरी की मांग कर रहा है। नकल करवाकर या गलत तरीके से नंबर बढ़वाकर नौकरी देने से अच्छा है कि मजबूर के बच्चे को सरकारी नौकरी दिलाई जाए। महात्मा गांधी की विचारों से प्रेरित लोग भी आज कमजोर के साथ नहीं ताकतवर लोगों के साथ खड़ा होना चाहते हैं।


पूर्व सीएम वसुंधरा राजे राजकुमार शर्मा के परिवार का दर्द बांटकर, सहायता प्रदान कर और आश्वासन देकर जीने की उम्मीद जगाई है। आश्वासन कब पूरा होगा, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन वसुंधरा राजे की उदयपुर शहर में लोकप्रियता को देखकर स्थानीय नेताओं की नींद उड़ गई है। यह बात सही है कि अगर वसुंधरा राजे उदयपुर शहर से चुनाव लड़े तो भारी बहुमत से जीत सकती हैं। शहर की तंग गलियों से होकर जब राजे राजकुमार शर्मा के घर पहुंची तो लगा कि वो इस शहर में सालों से काम कर रहीं हैं।

उदयपुर शहर से चुनाव लड़ने की दावेदारी जता रहे नेता तो वसुंधरा राजे की नजरों में आना चाहते थे। यही वजह है कि लंबे समय के बाद नगर निगम के स्वच्छता कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से करवा दी, बाकी तो शहर के लोगों को मालूम है कि हर उद्धाटन कार्यक्रम के लिए मेवाड़ के कद्दावर और लोकप्रिय नेता गुलाबचंद कटारिया के आने का इंतजार करना पड़ता है। लेकिन अब भी यह बात सौ फीसदी सच है कि उदयपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार वही होगा जिसको महामहिम गुलाबचंद कटारिया चाहेंगे, हां लेकिन इसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सहमति जरूरी होगी। दोनों की केमेस्ट्री को देखकर लगता है कि सहमति बन जाएगी।
राजे ने जब फोटो जर्नलिस्ट कमल कुमावत से कहा-मैं आपको जानती हूं कमलजी

फोटो जर्नलिस्ट कमल कुमावत

दरअसल वसुंधरा राजे उदयपुर के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पर्सनल तौर पर जानती और पहचानती है। उदयपुर शहर में उन्होंने कई कार्यकर्ताओं को नाम लेकर पुकारा। फोटो जर्नलिस्ट व भाजपा कार्यकर्ता कमल कुमावत ने जब उनके सामने जाकर नमस्ते किया तो राजे हाथ पकड़कर बोलीं-अरे कमलजी मैं आपको परिवर्तन यात्रा के समय से जानती हूं।

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