
चित्तौड़गढ़। उदयपुर-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर बानसेन पुलिया के पास मंगलवार की सुबह एक ऐसा हादसा हुआ जिसने आसपास के लोगों की सांसें रोक दीं। बेकाबू कंटेनर बाइक सवार दो युवकों के ऊपर पलट गया। इस भीषण घटना में कपिल मेनारिया (30) और अक्षित सोनी (24) की मौत हो गई। खासकर कपिल का सिर धड़ से अलग हो गया, जबकि अक्षित कंटेनर के नीचे दबा रह गया। उनका जीवन और उनके परिवारों की खुशियों का संसार, बस कुछ ही पल में उजड़ गया।
पुलिस और स्थानीय लोगों ने बताया कि कंटेनर उदयपुर से चित्तौड़गढ़ की ओर आ रहा था। जैसे ही वह पुलिया पर पहुंचा, अचानक संतुलन खो गया और पलट गया। बाइक पर कपिल ड्राइविंग कर रहा था, पीछे अक्षित बैठा था। हादसे से कुछ पहले ही कंटेनर और बाइक के बीच हल्की टक्कर हुई थी, जिसने अनजाने में त्रासदी को जन्म दिया।
कपिल और अक्षित की सुबह बहुत सामान्य लग रही थी। दोनों गांवों से रिकवरी का काम करने गए थे। फिर वागुंड स्थित श्रीसांवलियाजी के दर्शन कर लौट रहे थे। शाम 11:30 बजे, खुशियों और कामकाज की वापसी के रास्ते में उनकी ज़िंदगी ने अचानक क्रूर मोड़ ले लिया।
मौके पर पहुंचे लोगों ने बताया कि कंटेनर इतना भारी था कि दो क्रेनें भी उसे तुरंत उठाने में असमर्थ रहीं। कपिल और अक्षित दोनों कंटेनर के नीचे करीब डेढ़ घंटे तक दबे रहे। राहत और बचाव दल ने जैसे-तैसे कंटेनर में पड़े प्लास्टिक कच्चे माल को हटाया और क्रेन की मदद से उसे उठाया। कपिल की बॉडी को थैली में भरकर ले जाया गया, जबकि अक्षित का धड़ और सिर अलग-अलग निकाला गया।
कपिल के पीछे पांच साल का मासूम बेटा है। उसकी हर सुबह अब अनकही सवालों और अधूरे ख्वाबों से भरी होगी। कपिल का बड़ा भाई मैकेनिक है और पिता ऑटो सर्विस की दुकान चलाते हैं। घर का माहौल अब खाली और सुनसान सा है, जैसे कोई रौशनी हमेशा के लिए बुझ गई हो।
अक्षित के माता-पिता और परिवार का दर्द भी किसी से छुपा नहीं है। उनका लाल, जिसकी हंसी घर में खुशियों का कारण बनती थी, अब हमेशा के लिए उनकी आंखों के सामने नहीं है।
इस हादसे ने केवल दो जीवन नहीं छीने, बल्कि उनके पीछे रह गए परिवारों की खुशियों को भी ध्वस्त कर दिया। यह एक ऐसी त्रासदी है जो लापरवाही की वजह से हुई। अगर कंटेनर की गति पर नियंत्रण होता, अगर हाईवे पर सुरक्षा नियमों का पालन होता, तो शायद यह परिवार इतनी बड़ी पीड़ा का सामना न करता।
यह हादसा हमें एक बार फिर याद दिलाता है कि जीवन बहुत नाजुक है। एक पल की लापरवाही, एक छूटे हुए नियम, कभी-कभी पूरे परिवारों की खुशियों को हमेशा के लिए छीन लेता है। कपिल और अक्षित की मौत सिर्फ एक समाचार नहीं, बल्कि चेतावनी है—सावधानी ही जीवन की रक्षा करती है।
हाईवे पर सुरक्षा के नियमों का पालन न करना, सिर्फ नंबरों में नहीं, बल्कि असली जीवन में दर्द का कारण बन सकता है। आज चित्तौड़गढ़ में दो परिवारों की दुनिया टूटी है। कल कहीं और, कोई और परिवार इस अनदेखी और लापरवाही की कीमत न चुकाए, यह हमारी जिम्मेदारी है।
About Author
You may also like
-
भारतीय कुमावत क्षत्रिय महासभा उदयपुर ने जिला मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन, आलोक स्कूल में छेड़छाड़ के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग
-
विवाह आमंत्रण के नाम पर साइबर जाल : ‘Aamantran.apk’ से मोबाइल हैक होने का खतरा
-
ऑपरेशन चक्रव्यूह की बड़ी सफलता : प्रतापगढ़ पुलिस ने जब्त की ₹5 करोड़ की एमडी ड्रग, एक तस्कर गिरफ्तार
-
उदयपुर में हुई RBI सेंट्रल बोर्ड की बैठक : ग्लोबल-डोमेस्टिक हालात की समीक्षा
-
King Charles strips his brother Andrew of ‘prince’ title and evicts him from royal mansion