उदयपुर। जिले के रावछ गांव की रात हमेशा की तरह शांत थी, लेकिन 5 सितंबर 2025 की रात ने इस गांव के लिए एक डरावनी कहानी लिख दी। एम बी हॉस्पीटल से पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला, जिसके गले में गहरे घाव हैं, गंभीर हालत में भर्ती हुई है। उसे देखते ही डॉक्टरों ने मृतप्राय घोषित किया। मृतका मेथी बाई थी।
शुरुआत में मामला जैसे किसी अज्ञात अपराधियों के हाथों हुई मारपीट का प्रतीत हुआ। उसके पति, 60 वर्षीय विसाराम, ने पुलिस को रिपोर्ट में बताया कि रात करीब 10 बजे दो नकाबपोश व्यक्ति घर में घुस आए, उसे रोक लिया और शीशे से मेथी बाई पर हमला कर दिया। वह घबरा गए और अपनी पत्नी को अस्पताल ले गए।
लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, यह मासूम और भयावह कहानी वास्तविकता की कड़वी हकीकत सामने लाने लगी।
पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल स्वरूप मेवाडा के नेतृत्व में जांच शुरू हुई। टीम ने मौके पर पहुंचकर हर पहलू की पड़ताल की। पड़ोसियों और आसपास के लोगों से पूछताछ में एक chilling pattern उभरकर आया – मेथी बाई अपने शराबी और हिंसक पति के साथ वर्षों से झगड़ों और मारपीट का सामना कर रही थी।
घड़ी-दर-घड़ी पूछताछ के बाद, विसाराम ने अपनी क्रूर सच्चाई स्वीकार कर ली। 4 सितंबर की रात, शराब पीकर घर लौटने के बाद, उसकी पत्नी के साथ झगड़ा हुआ। क्रोध में उसने घर में लगे शीशे से गले पर कई बार वार किया। चिल्लाने पर घबरा कर बाहर भाग गया और पुलिस तथा परिवार को अज्ञात हमलावरों की झूठी कहानी बता दी।
विसाराम की गिरफ्तारी ने न केवल हत्या की सच्चाई उजागर की, बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या – घरेलू हिंसा – को भी सामने लाया। एक पति द्वारा की गई हत्या, झूठी रिपोर्ट और पीड़ित की मृत्यु ने एक गांव को झकझोर कर रख दिया।
पुलिस टीम, जिसमें थाना सायरा के एसएचओ किशोर सिंह शक्तावत, भंवर सिंह, नरेन्द्र सिंह, नरपतराम, धर्मेन्द्र कुमार, भेराराम, लोकेन्द्र सिंह, काना पुरी और रूपाराम शामिल थे, ने जुटकर मामले को त्वरित गति से सुलझाया।
इस कहानी में अपराध केवल शारीरिक नहीं था, बल्कि विश्वास और सुरक्षा का विश्वासघात भी था। मेथी बाई की मृत्यु ने एक सवाल छोड़ा – क्या समाज और परिवार की संरचनाएं महिलाओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त हैं, या घरेलू हिंसा की छुपी हुई घटनाएं रोज़मर्रा की जिंदगी में अनदेखी रह जाती हैं?
विसाराम की गिरफ्तारी के साथ अनुसंधान जारी है, लेकिन मेथी बाई की मृत्यु ने एक सुनसान चेतावनी छोड़ दी – क्रोध, शराब और हिंसा के सम्मिश्रण का खामियाजा अक्सर निर्दोषों को भुगतना पड़ता है।
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