फोटो जर्नलिस्ट कमल कुमावत ने इन तस्वीरों को कैद किया है।

उदयपुर स्मार्ट सिटी के शोभागपुरा में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के ठीक बाहर के हालात हैं जहाँ ये कचरा पिछले दस दिनों से इसी तरह फेला हुआ है। छोटे छोटे बच्चे व शिक्षक विद्यालय में बच्चे तेज खुशबू लेते हुए प्रवेश करते हैं और दिन भर उसी से असीम ऊर्जा प्राप्त करते हुए अध्ययन व अध्यापन करते हुए पुनः घर भी खुशबू लेते हुए ही जाते हैं। प्रशासन को तुरंत ही इस ओर संज्ञान लेकर विद्यार्थियों व पशुओं के हितार्थ कार्य करना चाहिए।

दरअसल प्राइवेट कंपनियों के सर्वे में भले ही उदयपुर नंबर वन पर हैं, लेकिन यह बात सच है कि रहने लायक शहरों की सूची में उदयपुर का नाम टॉप 100 में भी नहीं है।
About Author
You may also like
-
इश्क़ का आख़िरी वार : बस स्टैंड पर संस्कृत टीचर की हत्या
-
जब अल्फ़ाज़ों ने ओढ़ा श्रृंगार : शायराना उदयपुर की महफ़िल में इश्क़ बोला
-
मेकेट्रॉनिक्स तकनीकी उद्योगों का आधार : डॉ. मेहता
-
अंजुमन तालीमुल इस्लाम की नई सुबह : एक सामाजिक, सियासी और तहज़ीबी तज़्ज़िया
-
आर्थिक समर्पण की मिसाल : हिन्दुस्तान ज़िंक का 87,616 करोड़ का योगदान भारत की विकास गाथा में