उदयपुर में विजय दशमी का भव्य उत्सव : रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतलों का दहन, बुराई पर अच्छाई की जीत

फोटो : कमल कुमावत

उदयपुर। शनिवार को विजय दशमी के अवसर पर उदयपुर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस खास दिन की मुख्य भव्यता गांधी ग्राउंड में देखने को मिली, जहां रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतलों का ध्वंस किया गया। इस उत्सव के दौरान आकर्षक आतिशबाजी ने समारोह को और भी रंगीन बना दिया।

गांधी ग्राउंड में पुतला दहन

गांधी ग्राउंड में बिलोचिस्तान पंचायत और श्री सनातन धर्म सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में 70 फीट लंबे रावण, 65 फीट लंबे मेघनाद और 65 फीट लंबे कुंभकर्ण के पुतलों के साथ-साथ लंका का दहन किया गया। इस भव्य आयोजन को देखने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए।

शोभायात्रा का आयोजन

पुतला दहन से पूर्व, शक्ति नगर स्थित सनातन मंदिर से एक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में विभिन्न झांकियां शामिल थीं, जो दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर रही थीं। शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए शाम को गांधी ग्राउंड पहुंची, जहां अंततः पुतला दहन हुआ।

अन्य धार्मिक आयोजनों का उल्लेख

विजय दशमी के अवसर पर सुभाष चौराहा और चांदपोल स्थित संकट मोचन बालाजी पंचदेवरिया हनुमान मंदिर पर भी विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस दिन सुबह, शक्ति नगर में नव शिशु का बाल मुंडन समारोह भी आयोजित किया गया, जो माता-पिता और परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन था।

विजय दशमी का यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह समाज में एकता, भाईचारे और अच्छाई की जीत का संदेश भी देता है। इस तरह, उदयपुर में मनाया गया विजय दशमी का उत्सव न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक है।

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