उदयपुर में वकीलों का अरावली संरक्षण आंदोलन: कोर्ट से कलेक्ट्रेट तक रैली, प्रकृति से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

उदयपुर। उदयपुर में वकीलों ने अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। अधिवक्ता परिषद और बार एसोसिएशन के नेतृत्व में सुबह कोर्ट परिसर से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में वकील और युवा अधिवक्ता शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम एडीएम (प्रशासन) दीपेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा और सरकार से अरावली संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।

वकीलों ने अरावली को केवल पहाड़ों की श्रृंखला नहीं बल्कि मेवाड़ की पहचान, पर्यावरण सुरक्षा ढाल और पानी की जीवनरेखा बताया। उनका कहना था कि अरावली कमजोर हुई तो मौसम असंतुलित होगा, भूजल स्तर प्रभावित होगा और आम लोगों को भविष्य में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र जैन ने स्पष्ट किया कि देश में विकास जरूरी है, लेकिन प्रकृति से छेड़छाड़ किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं।

इस आंदोलन में पूर्व और वर्तमान अधिवक्ताओं के साथ युवा वकीलों की भी बड़ी भागीदारी रही। इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी अरावली संरक्षण के लिए विरोध जताया था। इस तरह यह आंदोलन स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक अरावली संरक्षण की मांग को जोरदार रूप से उठाने की दिशा में बढ़ रहा है।

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