लूज़ टॉक : उदयपुर का गर्व ट्रम्प जूनियर नहीं… उदयपुर खुद है

 

होस्ट : तो जनाब, उदयपुर में विदेशी मेहमान आ गए हैं—ट्रम्प जूनियर।

गेस्ट : हां भाई, सुना है। पता नहीं ये शादी है या हॉलीवुड का सीक्रेट मिशन।

एयरपोर्ट का सीन – कार, उतरना, चढ़ना, उतरना… भाई, हो क्या रहा था?

होस्ट : एयरपोर्ट पर क्या हुआ?

गेस्ट : अरे क्या होगा—साहब आए… हाथ हिलाया…
कार में बैठे…
फिर उतरे…
फिर अंदर चले गए…
फिर बाहर आए…
फिर कार में बैठे…

होस्ट : मतलब बंदे ने एयरपोर्ट को मेट्रो स्टेशन समझ रखा था—“अरे ये मेरी ट्रेन तो नहीं है… अगली देखता हूं।”

गेस्ट : हां… और जनता सोच रही थी कि शायद एयरपोर्ट पर कोई इलेक्शन का नॉमिनेशन जमा करवाने आए हैं।

शहर का मूड : “हमको कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा…”

होस्ट : तो शहर में खुशियां होंगी, विदेशी मेहमान जो आए हैं?

गेस्ट : अरे कौन सी खुशियां?
यहां लोग बोल रहे हैं—
“अच्छा बाबा, आ गए होंगे… जाओ शादी करो… हमें तो बाजार तक जाने का रास्ता खुला रख दो बस।”

होस्ट : यानी जनता ने साफ बोल दिया—
“गर्व-वर्व छोड़ो, पहले ट्रैफिक कंट्रोल करो।”

जगमंदिर में शादी – पैसा ही पैसा, संस्कृति कहीं पीछे

गेस्ट : जगमंदिर में शाही शादी हो रही है। करोड़ों का खर्च, लाखों की लाइट,
सेलिब्रिटीज की एंट्री,
ड्रोन-शो,
फूलों की बरसात…

होस्ट : और उधर शहर वाले?

गेस्ट : शहर वाले पूछ रहे—
“भाई हमारी झीलों का पानी कौन भरेगा?”
“घाटों की मरम्मत कौन कराएगा?”
“पुरानी हवेलियों की टूटी जालियां कौन सुधारेगा?”

हल्दी-मेहंदी-बॉलीवुड : शहर की हवा में भी अब ग्लिटर उड़ रहा

होस्ट : और बॉलीवुड?

गेस्ट : ओहो… बॉलीवुड तो पूरा बारात लेकर आ गया—
माधुरी दीक्षित झूम रही हैं,
जैकलीन घूम रही हैं,
कृति सेनन मुस्कुरा रही हैं।

और शहर वालों की स्थिति—
“अच्छा है बहन, तुम नाचो… हमें तो बस अस्पताल जाने वाला रास्ता खुला दे दो।”

शहर की विरासत का मुद्दा – सबकी बातों में लेकिन किसी की नजर में नहीं

होस्ट : पर शहर का असली मुद्दा?

गेस्ट : असली बात तो यह है कि
उदयपुर की विरासत को बचाने की कोई बात नहीं करता।
सिर्फ चमक-दमक, डांस-गाना, सेल्फी-वीडियो।

शहर बोल रहा है—
“उदयपुर की पहचान शादी समारोह नहीं, हमारी सदियों पुरानी संस्कृति है… ये कोई बताएगा वहां मेहमानों को?”

लूज़ टॉक का फाइनली पंच :

होस्ट : तो क्या हम कह सकते हैं कि—
“ट्रम्प जूनियर आए, देखे, हिले-डुले… और चले गए।”

गेस्ट : और शहर बोला—
“भाई आते रहना, कोई दिक्कत नहीं… बस हमारी विरासत को मत भूलवाना।”

होस्ट : क्योंकि असली बात तो यह है—
उदयपुर का गर्व ट्रम्प जूनियर नहीं… उदयपुर खुद है।

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