उदयपुर। विद्या भवन पॉलिटेक्निक परिसर स्थित सरस्वती मेकेट्रॉनिक्स सेंटर आज एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का साक्षी बना, जहाँ सम्पूर्ण विद्या भवन परिवार और नगर के गणमान्य नागरिकों ने भावभीने मन से दिवंगत सरस्वती सिंघल को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सरस्वती सिंघल न केवल एक शिक्षित और दूरदर्शी व्यक्तित्व थीं, बल्कि वे वात्सल्य, सेवा और ममत्व की जीवंत मिसाल थीं। उन्होंने अपने कर्म, समर्पण और प्रेरणा से न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि समाज और राष्ट्र को भी दिशा दी। उनके व्यक्तित्व की गरिमा ऐसी थी कि उनके स्पर्श से विचारों में विवेक, कार्यों में दृष्टि और जीवन में मूल्य जुड़ जाते थे।
विद्या भवन के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र तायलिया और मुख्य संचालक श्री राजेंद्र भट्ट ने उन्हें स्मरण करते हुए कहा,
“सरस्वती सिंघल केवल एक नाम नहीं, एक संपूर्ण विचार थीं — एक ऐसी चेतना, जिसने औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में उजास फैलाया। उनका जीवन, हमारे लिए एक प्रेरणा-पुंज रहेगा।”
उनकी प्रेरणा से स्थापित सरस्वती मेकेट्रॉनिक्स सेंटर आज युवाओं के कौशल विकास का केंद्र बन चुका है। यह केंद्र न केवल तकनीकी शिक्षा का साधन है, बल्कि उसमें उनकी दृष्टि, उनका आशीर्वाद और उनकी भावना भी समाहित है। यह संस्थान उनके विचारों का जीवंत स्मारक बनकर, आने वाली पीढ़ियों को सशक्त करता रहेगा।
श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित जनों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और मौन रहकर उन्हें स्मरण किया। उनकी स्मृति में उमड़ा प्रत्येक अश्रु, उनकी करुणा और कर्तव्यनिष्ठा का प्रमाण था।
कार्यक्रम का संयोजन डॉ. अनिल मेहता द्वारा किया गया।