शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में ‘संक्रमण’ नाटक का मंचन


उदयपुर। रविवार को शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्वारा आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ में ‘संक्रमण’ नाटक का मंचन हुआ।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि माह के प्रथम रविवार को आयोजित होने वाले मासिक नाट्य संध्या रंगशाला के तहत अभिनय गुरूकुल एक्टर्स स्टूडियो जोधपुर द्वारा ‘संक्रमण’ नाटक का मंचन किया गया। दर्शकों ने इस नाटक को बहुत सराहा। इस नाटक के लेखक स्व. श्री कामतानाथ एवं निर्देशक अरू व्यास है। इस नाटक में 6 कलाकारों ने भाग लिया। इस नाटक को दर्शकों ने बहुत सराहा तथा उनके जीवंत अभिनय की प्रशंसा की।

इस अवसर पर केन्द्र के पूर्व अतिरिक्त निदेशक एच.एल. कुणावत, पूर्व कार्यक्रम अधिकारी एवं वरिष्ठ रंगकर्मी विलास जानवे तथा कार्यक्रम अधिकारी पवन अमरावत ने कलाकारों का अभिनन्दन किया। कार्यक्रम का संचालन दुर्गेश चांदवानी ने किया। इस अवसर पर केन्द्र के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
कहानी :-

संक्रमण कहानी मुख्य रूप से पिता, पुत्र और माँ की गवाही है, ये तीन कथन पिता और पुत्र के बीच रोजमर्रा के संघर्ष की कहानी है। जहाँ पिता अपने रोजमर्रा के संघर्ष, त्याग और जीवन के अनुभवों का महत्व सिद्ध करता है, जहाँ सुनने वाली हमेशा उसकी पत्नी होती है। पिता को अपने जीवन का सत्य अपने नजरिए से सार्थक लगता है लेकिन बेटा अपने पिता के नजरिए पर सवाल उठाता रहता है क्योंकि उसने वह संघर्ष, बलिदान और अनुभव नहीं देखा है जिससे उसके पिता गुजरे हैं।

इन दोनों नजरियों के टकराव में पिसती है मां, जो किसी भी पक्ष में खड़ी नहीं हो पाती, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है पति का यह व्यवहार एक तरह का संक्रमण बन जाता है जो हर पिता से उसके बेटे में फैलता है। यह नाटक पिता और पुत्र के बीच तथाकथित ‘पीढ़ी के अंतर’ और ‘वैचारिक मतभेद’ पर सवाल उठाता है। वह बेटा जो अपने पिता के झक्की व्यवहार पर सवाल उठाता है लेकिन जब वह खुद पिता बनता है, तो वह खुद को उसी स्थान पर पाता है।

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