फोटो : कमल कुमावत

बापू बाजार में घड़ी शोरूम में लगी आग, सीढ़ी और पड़ोस की बिल्डिंग से निकाले गए मालिक की पत्नी और बच्चे
उदयपुर। लेकसिटी उदयपुर का बापू बाजार मंगलवार की सुबह एक बड़े हादसे का गवाह बना। जब यहां स्थित एक घड़ी शोरूम में आग लगी, तो पूरा बाजार दहशत में आ गया। लेकिन इस हादसे में सबसे बड़ी चुनौती थी—तीसरी मंजिल पर फंसे शोरूम मालिक निकेश वलवानी का परिवार, जिसमें उनकी पत्नी और बच्चे भी शामिल थे।
इस मुश्किल घड़ी में पुलिसकर्मी भावेश गुर्जर और एसआई वीरम सिंह ने सूझबूझ और बहादुरी का परिचय दिया। दो घंटे तक लपटों के बीच फंसे परिवार को बचाने के लिए उन्होंने सीढ़ी के सहारे और बगल की बिल्डिंग से रास्ता बनाकर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।
जब हर ओर धुआं था, तब बचाव का रास्ता बनाया गया
सुबह करीब 10 बजे जब बाजार में हलचल शुरू ही हुई थी, तभी एक घड़ी शोरूम से काले धुएं के गुबार उठने लगे। कुछ ही देर में पहली मंजिल से दूसरी मंजिल तक आग फैल गई। इसी बीच पुलिस को खबर मिली कि शोरूम मालिक का परिवार तीसरी मंजिल पर फंसा हुआ है।
दमकल की टीम मौके पर पहुंच चुकी थी, लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि ऊपरी मंजिल तक पहुंचना आसान नहीं था। बाजार में भारी भीड़ इकट्ठा हो चुकी थी, हर कोई घबराया हुआ था। लेकिन पुलिस के जवानों ने घबराने के बजाय रिस्क लेने का फैसला किया।

सीढ़ी लगाकर पुलिस ने पहुंचाई मदद
एसआई वीरम सिंह और भावेश गुर्जर ने सबसे पहले हालात का जायजा लिया और तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। चूंकि आग बुझाने में वक्त लग रहा था, इसलिए उन्होंने परिवार को निकालने का दूसरा रास्ता तलाशा।
पहला प्रयास: उन्होंने एक लंबी सीढ़ी लगाकर तीसरी मंजिल तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन धुएं और लपटों के कारण सीढ़ी से जाना संभव नहीं था।
दूसरा प्रयास: इसके बाद पुलिसकर्मियों ने बगल की बिल्डिंग का सहारा लिया। वे ऊपर चढ़े और वहां से वलवानी परिवार तक पहुंचने का रास्ता बनाया।
फंसे हुए लोगों को हिम्मत देने के लिए पुलिसकर्मियों ने धीरे-धीरे एक-एक सदस्य को अपने साथ उतारना शुरू किया। दो घंटे की मशक्कत के बाद सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया।
“भागने का रास्ता नहीं दिख रहा था, लेकिन पुलिसवालों ने हिम्मत दी”

शोरूम मालिक के रिश्तेदार प्रकाश आहूजा ने बताया—
“जब मेरी भांजी और उसके परिवार ने जलने की बदबू महसूस की, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग फैल चुकी थी और धुआं ऊपर तक आ गया था। हमें समझ नहीं आ रहा था कि भागें तो कहां से। लेकिन पुलिसवालों ने जब हमें बचाने का प्रयास किया, तो हमें हिम्मत मिली। वे अगर नहीं होते, तो बड़ा हादसा हो सकता था।”
बचाव कार्य के बाद बाजार में राहत
जैसे ही परिवार सुरक्षित बाहर आया, बाजार के व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। इस बीच प्रशासन ने शोरूम के आसपास की सभी दुकानों को खाली करवाया, ताकि आग बुझाने का काम तेजी से किया जा सके।
दमकल विभाग ने आधुनिक तकनीक की क्रेन की मदद से दूसरी मंजिल तक फैल चुकी आग को बुझाया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

पुलिस की बहादुरी ने टाला बड़ा हादसा
इस हादसे में सबसे अहम भूमिका उन पुलिसकर्मियों की रही, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर परिवार को बचाया। अगर वे सूझबूझ और हिम्मत नहीं दिखाते, तो हालात और भी भयावह हो सकते थे।
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