
बेंगलुरु। बेंगलुरु एयरपोर्ट का वह दिन…14 किलो सोना, एक मशहूर अभिनेत्री और एयरपोर्ट पर तैनात उन अधिकारियों की पैनी नजर, जिनका काम अपराध की नब्ज़ पकड़ना है। बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस दिन सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन डीआरआई की टीम को अपने गुप्त सूत्रों से जो खबर मिली थी, उसने पूरे एयरपोर्ट को सतर्क कर दिया था।
दुबई से लौट रही अभिनेत्री रान्या राव के हर कदम पर अधिकारी नजर रख रहे थे। लग्जरी लाइफस्टाइल और सिनेमा की चकाचौंध से दूर, वो एक खतरनाक खेल का हिस्सा बन चुकी थीं। उनके कदम धीमे-धीमे इमिग्रेशन काउंटर की ओर बढ़ रहे थे। चेहरे पर आत्मविश्वास, आंखों में बेखौफ चमक—मानो वह जानती थीं कि कोई उन्हें रोकने वाला नहीं। लेकिन इस बार मामला अलग था।
तस्करी का सोना और हाई-प्रोफाइल कनेक्शन
राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) ने जब उन्हें रोका और उनकी तलाशी ली, तो पूरे एयरपोर्ट पर सनसनी फैल गई। 14.8 किलोग्राम सोना, बड़ी ही चालाकी से उनके शरीर पर एक खास बेल्ट के जरिए छिपाया गया था। इसके अलावा 800 ग्राम के सोने के आभूषण भी उनके पास से बरामद हुए।
यह कोई आम मामला नहीं था। रान्या राव कोई सड़कछाप तस्कर नहीं, बल्कि कर्नाटक पुलिस के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बेटी थीं। डीआरआई के अधिकारियों ने तुरंत उनके घर की तलाशी ली, जहां से 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
ग्लैमर वर्ल्ड से क्राइम की दुनिया तक…
2014 में कन्नड़ फ़िल्म ‘माणिक्य’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली रान्या, सिनेमा प्रेमियों के बीच एक चर्चित नाम थीं। उन्होंने तमिल फ़िल्मों में भी अभिनय किया और कन्नड़ फ़िल्म ‘पटकी’ में मुख्य भूमिका निभाई। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली थी।
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह सोने की तस्करी पहली बार की गई थी, या यह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा थी?
काले धंधे के पीछे का मास्टरमाइंड कौन?
सूत्रों के मुताबिक, रान्या पिछले 15 दिनों में चार बार दुबई की यात्रा कर चुकी थीं। हर बार वो बिना किसी जांच के एयरपोर्ट से बाहर निकल जातीं। वे खुद को डीजीपी की बेटी बताकर एयरपोर्ट प्रोटोकॉल का फायदा उठा रही थीं। लेकिन इस बार डीआरआई की नजरें उन पर थीं।
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि यह मामला केवल एक अभिनेत्री तक सीमित नहीं, बल्कि एक बड़े सोना तस्करी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। डीआरआई अब इस कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रही है कि आखिर यह सोना किसके लिए लाया जा रहा था?
क्या मिलेगी रान्या को सजा?
राजस्व खुफिया विभाग ने साफ कर दिया है कि यह अब एक हाई-प्रोफाइल मामला बन चुका है। कस्टम एक्ट 1962 के तहत रान्या राव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह बेंगलुरु एयरपोर्ट पर अब तक की सबसे बड़ी सोने की जब्ती में से एक मानी जा रही है।
अब सवाल यह है कि क्या कानून का शिकंजा इस हाई-प्रोफाइल अभिनेत्री पर पूरी तरह कस पाएगा, या फिर रसूखदार रिश्तों के चलते वह बच निकलेंगी? जांच जारी है, लेकिन इस पूरे मामले ने फिल्म इंडस्ट्री और पुलिस महकमे में भूचाल ला दिया है।
क्या यह मामला पर्दे के पीछे के काले खेल की महज़ एक झलक है? या फिर यह किसी बड़े षड्यंत्र की शुरुआत?
क्राइम की इस कहानी का अंत अभी बाकी है…
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