कुणाल कामरा पर केस और धमकी : अभिव्यक्ति की आज़ादी या राजनीतिक दबाव?

मुंबई। स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में FIR दर्ज की गई है। शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कामरा की गिरफ्तारी की मांग की है, वहीं शिवसेना (यूबीटी) ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है।

कुणाल कामरा ने हाल ही में एक स्टैंड-अप शो के दौरान एकनाथ शिंदे को कथित रूप से “ग़द्दार” कहने वाला एक गाना प्रस्तुत किया था। इसे लेकर शिंदे गुट ने नाराजगी जताई और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। शिवसेना प्रवक्ता कृष्ण हेगड़े ने कहा कि “जो शिवसेना का ट्रीटमेंट है, वो कुणाल कामरा को मिलेगा।”

शिवसैनिकों का हमला और धमकियां

रविवार देर शाम मुंबई के खार इलाके में स्थित होटल में शिवसैनिकों ने तोड़फोड़ की, जहां कुणाल का शो शूट किया गया था। शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने दो दिनों के भीतर माफी मांगने की चेतावनी देते हुए कहा, “अगर माफी नहीं मांगी तो मुंबई में घूमने नहीं देंगे।”

शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने भी धमकी भरे लहजे में कहा कि “शिव सैनिक तुम्हारे पीछे लग जाएंगे तो तुम्हें भारत छोड़ना पड़ेगा।”

 

राजनीतिक मोर्चाबंदी और सवाल

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत और आदित्य ठाकरे ने इस हमले की आलोचना की है। ठाकरे ने कहा, “केवल असुरक्षित और कायर लोग एक गाने पर ऐसी प्रतिक्रिया देते हैं।”

इस पूरे घटनाक्रम में सवाल उठता है कि क्या यह अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है या फिर राजनीतिक दलों की संवेदनशीलता का मामला? क्या किसी कॉमेडियन की राय पर हिंसा और धमकी जायज है, या यह लोकतांत्रिक मूल्यों पर खतरा है?

यह विवाद सिर्फ कुणाल कामरा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत में राजनीतिक कटाक्ष और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कितनी सीमित हो गई है। क्या लोकतंत्र में असहमति को जगह मिलेगी या फिर सत्ता से सवाल पूछने वालों को चुप कराने की परंपरा जारी रहेगी?

 

कुणाल कामरा के गाने के बोल, जिस पर विवाद हुआ…

ठाणे की रिक्शा चेहरे पर दाढ़ी, आंखों पर चश्मा हाय !

एक झलक दिखलाए कभी, गुवाहाटी में छुप जाए।

मेरी नजर से तुम देखो गद्दार नजर वो आए

ठाणे की रिक्शा, चेहरे पर दाढ़ी , आंखों ओआ चश्मा हाय।

 

मंत्री नहीं है वो दल बदलू हैं और कहा क्या जाए, जिस थाली में खाये उसमें ही वो छेद कर जाए।

मंत्रालय से ज्यादा फडणवीस की गोदी में मिल जाए।

तीर कमान मिला है इसको बाप मेरा ये चाहे।

ठाणे की रिक्शा चेहरे पर दाढ़ी, आंखों पर चश्मा हाय !

 

 

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