नई दिल्ली। भारतीय रुपया गुरुवार सुबह इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाज़ार में भारी गिरावट के साथ अब तक के सबसे निचले स्तर 90.43 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। शुरुआती कारोबार में रुपया 90.36 पर खुला था, लेकिन डॉलर की तेज़ मांग और सीमित आरबीआई हस्तक्षेप के चलते यह और लुढ़क गया। पिछले बंद भाव की तुलना में यह 28 पैसे कमजोर रहा।
फॉरेक्स ट्रेडरों के मुताबिक़, मौद्रिक नीति समिति (MPC) के महत्वपूर्ण फैसले से पहले बाज़ार में अनिश्चितता, आयातकों द्वारा बढ़ी डॉलर खरीद और विदेशी निवेशकों की बिकवाली रुपये को दबाव में रखे हुए हैं।
90 रुपये के पार पहुँचा डॉलर
रुपया 90 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर चुका है, जिससे आयात महंगा होने और महंगाई पर अतिरिक्त दबाव बढ़ने की आशंका है।
सरकार पर विपक्ष का हमला
रुपये की गिरावट को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आर्थिक प्रबंधन को विफल बताया है।
उदय कोटक ने भी जताई चिंता
कोटक महिंद्रा बैंक के पूर्व सीईओ उदय कोटक ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा—
“रुपया अब 90 पर है। मुख्य वजह भारतीय शेयर बाज़ार में विदेशी बिकवाली है—चाहे वह FPI हो या FDI के तहत प्राइवेट इक्विटी।”
उन्होंने आगे कहा—“भारतीय निवेशक खरीदार बने हुए हैं। वक़्त बताएगा कि कौन समझदार है। फिलहाल विदेशी निवेशक बढ़त में दिख रहे हैं। पिछले एक साल में निफ़्टी का डॉलर रिटर्न लगभग शून्य रहा है। अब समय है कि भारतीय कारोबारी अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलें।”
टीएमसी ने विधायक हुमायूं कबीर को बाबरी मस्जिद वाले बयान पर किया निलंबित
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपने विधायक हुमायूं कबीर को बाबरी मस्जिद के निर्माण से जुड़े विवादित बयान को लेकर पार्टी से निलंबित कर दिया है। यह जानकारी राज्य के मंत्री और कोलकाता के मेयर फ़िरहाद हकीम ने दी।
हाल ही में हुमायूं कबीर ने कहा था कि वह 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद ज़िले में बाबरी मस्जिद की नींव रखने वाले हैं, जिसे पूरा होने में तीन साल लगेंगे। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
मेयर फ़िरहाद हकीम के अनुसार, यह कार्रवाई पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी की मंज़ूरी और महासचिव अभिषेक बनर्जी की सहमति से की गई है।
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हुमायूं कबीर ने पीटीआई से कहा,
“इस बाबरी मस्जिद का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी मेरे ख़िलाफ़ जो भी कदम उठाना चाहे, उठाए। 2015 में भी मुझे छह साल के लिए निलंबित किया गया था, और अगर आज फिर होता है तो भी स्वीकार है।”
राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर राहुल गांधी ने जताई नाराज़गी, कहा – विपक्ष से मिलने नहीं दिया जाता
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विदेशी नेताओं से विपक्षी नेताओं की मुलाक़ात नहीं होने दी जाती।
राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा,
“आमतौर पर परंपरा यह रही है कि जो भी विदेश से आते हैं, उनका विपक्ष के नेताओं के साथ भी मिलना होता है। ये वाजपेयी जी और मनमोहन सिंह के समय भी होता था।”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि आजकल सरकार सुझाव देती है कि विपक्ष के नेताओं से विदेशी उच्च अधिकारी नहीं मिलें, और यह केवल प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्रालय के निर्देशों के तहत हो रहा है।
राहुल गांधी ने स्पष्ट किया,
“सिर्फ़ सरकार ही हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं करती, हम भी करते हैं। सरकार नहीं चाहती कि विपक्षी नेता विदेशियों से मिलें।”
राष्ट्रपति पुतिन 4 दिसंबर से दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं।
भीमा कोरेगांव केस: दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफ़ेसर हनी बाबू को मिली ज़मानत
बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफ़ेसर हनी बाबू को ज़मानत दे दी। हनी बाबू भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में अभियुक्त हैं।
हाई कोर्ट ने इससे पहले 2022 में उनकी ज़मानत अर्जी खारिज कर दी थी। हनी बाबू सहित कुल 15 एक्टिविस्ट, शिक्षाविद और वकीलों पर आरोप है कि उन्होंने जनवरी 2018 में पुणे के पास जातीय तनाव भड़काया।
उन पर यूएपीए के तहत आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोप हैं, जिनमें प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) से संबंध और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित हत्या की साज़िश शामिल है।
हनी बाबू ने अदालत में दलील दी थी कि वह पांच साल से अधिक समय से जेल में हैं और उनके ट्रायल के जल्द पूरे होने की कोई संभावना नहीं है।
हालांकि, हाई कोर्ट के आदेश की लिखित प्रति अभी अपलोड नहीं की गई है।
यमन में हिरासत में रहे भारतीय चालक दल के सदस्य अनिल कुमार रवींद्रन की रिहाई पर भारत ने जताई खुशी
भारतीय सरकार ने गुरुवार को भारतीय क्रू मेंबर अनिल कुमार रवींद्रन की रिहाई का स्वागत किया। रवींद्रन को 7 जुलाई 2025 से यमन में हिरासत में रखा गया था, जब वह ‘एमवी एटर्निटी सी’ जहाज पर तैनात थे।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि रवींद्रन बुधवार को मस्कट पहुंचे और उनकी जल्द भारत वापसी की उम्मीद है।
सरकार ने कहा कि उनकी सुरक्षित रिहाई और लौटने के लिए वह कई पक्षों के साथ लगातार बातचीत करती रही। इसके साथ ही भारत ने ओमान सल्तनत का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने रिहाई में मदद की।
आईसीसी वनडे रैंकिंग: रोहित शर्मा नंबर 1, कोहली नंबर 4 पर, सिर्फ़ 32 अंक की दूरी
भारतीय क्रिकेट के स्टार बल्लेबाज़ विराट कोहली और रोहित शर्मा आईसीसी की ताज़ा वनडे बल्लेबाज़ी रैंकिंग में शीर्ष खिलाड़ियों की सूची में शामिल हैं। कोहली अब नंबर 4 पर हैं, जबकि रोहित शर्मा शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं।
रांची में दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ खेले गए पहले वनडे में कोहली ने 120 गेंदों पर 135 रन की शानदार पारी खेली, जिससे उनकी रेटिंग में सुधार हुआ और वे रैंकिंग में एक स्थान ऊपर आ गए। आईसीसी के अनुसार, कोहली के अब 751 रेटिंग अंक हैं, जो रोहित शर्मा के 783 अंक से केवल 32 अंक पीछे हैं।
कोहली लंबे समय तक नंबर 1 बल्लेबाज़ रहे हैं, लेकिन अप्रैल 2021 में पाकिस्तान के बाबर आज़म ने उन्हें पीछे छोड़ दिया था। तब से वह शीर्ष स्थान पर लौटने की कोशिश में लगे हुए हैं।
आईसीसी की ताज़ा वनडे रैंकिंग में अन्य खिलाड़ियों की स्थिति इस प्रकार है:
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डेरिल मिशेल – 766 अंक
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इब्राहिम ज़ादरान – 764 अंक
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शुभमन गिल – 738 अंक
इस बीच, टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के जो रूट और टी20 में भारत के अभिषेक शर्मा शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोहली और रोहित दोनों की निरंतर प्रदर्शन क्षमता भारतीय क्रिकेट को आगामी मुकाबलों में मजबूती देगी। यदि कोहली अपनी लय बनाए रखते हैं और बड़े स्कोर लगातार बनाते हैं, तो नंबर 1 की रैंकिंग फिर से हासिल करना उनके लिए मुश्किल नहीं होगा।
राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर राहुल गांधी का बयान: विपक्ष से मिलने नहीं दिया जाता
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे को लेकर अपनी नाराज़गी जाहिर की है। राहुल गांधी का कहना है कि विदेशी नेताओं से विपक्षी नेताओं की मुलाक़ात नहीं होने दी जाती, जबकि पूर्व में यह परंपरा रही है कि विदेश से आने वाले उच्च अधिकारियों से विपक्ष के नेता भी मिलते थे।
राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा,
“आमतौर पर परंपरा यह रही है कि जो भी विदेश से आते हैं, उनका विपक्ष के नेताओं के साथ भी मिलना होता है। यह वाजपेयी जी और मनमोहन सिंह के समय भी होता था।”
उन्होंने आरोप लगाया कि आजकल सरकार सुझाव देती है कि विदेशी उच्च अधिकारी विपक्षी नेताओं से न मिलें। राहुल गांधी ने आगे कहा,
“सिर्फ़ सरकार ही हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं करती, हम भी करते हैं। सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष के लोग विदेशियों से मिलें।”
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय इस परंपरा का पालन नहीं करते।
राष्ट्रपति पुतिन 4 दिसंबर से दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं, जिनके दौरान कई उच्चस्तरीय बैठकें और वार्ता कार्यक्रम निर्धारित हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष के नेताओं को विदेशी अधिकारियों से मिलने की अनुमति न देने का मुद्दा भारत में लोकतांत्रिक परंपराओं और राजनीतिक संवाद पर सवाल उठा सकता है।
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