बेरूत। लेबनान में मंगलवार को हुए पेजर विस्फोटों के बाद बुधवार को वॉकी-टॉकी में भी धमाका हुआ, जिससे 9 लोगों की जान चली गई और 300 से अधिक घायल हो गए। हिजबुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इन उपकरणों में विस्फोट होने से मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ गया है।
अली अम्मार, हिजबुल्लाह सांसद, के बेटे के जनाजे के दौरान भी एक धमाका हुआ, जो पेजर विस्फोट का शिकार हुए थे। यह माना जा रहा है कि वॉकी-टॉकी का उपयोग हिजबुल्लाह के लड़ाके आपसी बातचीत के लिए करते हैं, और इन धमाकों ने उनकी सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जापानी ICOM V 82 वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल इन हमलों में किया गया, जिससे तकनीकी हमलों का एक नया रूप सामने आया है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद पर आरोप है कि उन्होंने हिजबुल्लाह के 5000 पेजर्स में विस्फोटक लगाए थे। इन पेजर्स को कोड के जरिए ऑपरेट किया जाता था, और एक विशेष मैसेज ने इन्हें एक्टिवेट कर दिया। इस हमले में 12 लोगों की मौत हुई, जिनमें हिजबुल्लाह के सदस्य और मासूम बच्चे भी शामिल थे। ईरान के राजदूत भी घायलों में से एक हैं।
लेबनान में इस तरह के तकनीकी हमले मिडिल ईस्ट की भूराजनीतिक स्थिति को और अधिक जटिल बना रहे हैं, और यह तनाव किसी बड़े संघर्ष की ओर इशारा कर रहा है।
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