कारा हंटर: वह डीपफेक वीडियो जिसने लगभग खत्म कर दी उनकी राजनीतिक पहचान

आयरलैंड की युवा राजनेता कारा हंटर आज भी उस दिन को “एक डरावनी फिल्म देखने जैसा” बताती हैं—वह दिन जब उन्हें पता चला कि उनका चेहरा जोड़कर बनाया गया एक अश्लील डीपफेक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है।
यह घटना अप्रैल 2022 की है, जब चुनाव में सिर्फ कुछ ही हफ्ते बचे थे।

90वें जन्मदिन की पार्टी में आया खतरनाक मैसेज

कारा अपनी दादी के 90वें जन्मदिन पर परिवार के साथ बैठी थीं, तभी फेसबुक मैसेंजर पर एक अजनबी का मैसेज आया:

“क्या इस वीडियो में आप हैं…? ये व्हाट्सऐप पर घूम रहा है।”

पहले तो उन्होंने सोचा कि शायद कोई साधारण वीडियो होगा, लेकिन जैसे ही उस अजनबी ने वीडियो भेजा, उनकी दुनिया पल भर में बदल गई।

वीडियो में थी एक झूठी ‘कारा’

वीडियो अत्यंत अश्लील था।
एक नीली दीवार वाले कमरे में एक महिला—जिसका चेहरा बिल्कुल कारा जैसा दिख रहा था—स्पष्ट यौन क्रियाओं में दिखाई दे रही थी।

कारा यह वीडियो तब देख रही थीं जब आसपास उनका पूरा परिवार मौजूद था। इसी समय फोन पर अजनबियों के गुस्से भरे और अपमानजनक संदेश लगातार आते जा रहे थे।
यह सब उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था।

उस समय डीपफेक की जानकारी बहुत कम थी

2022 में डीपफेक टेक्नोलॉजी के बारे में जागरूकता बेहद कम थी।
पहले उन्हें लगा कि शायद वीडियो में कोई उनकी हमशक्ल है।
बाद में, स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से रिवर्स इमेज सर्च करके उन्होंने असली वीडियो ढूंढ निकाला—जिसमें किसी और महिला का चेहरा था और उस पर उनका चेहरा चिपकाया गया था।

आज की तुलना में उस समय डीपफेक तकनीक काफी कम विकसित थी, लेकिन अब स्थिति और खतरनाक हो चुकी है।
कारा बताती हैं कि अब कई लड़कियाँ उन्हें फोन कर रोते हुए बताती हैं कि डीपफेक ने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी है। स्कूलों में “न्यूडिफिकेशन ऐप्स” का इस्तेमाल बढ़ रहा है।

कानून बन रहे हैं, लेकिन जागरूकता अभी भी कम

यूके में Online Safety Act और Data Act 2025 में डीपफेक अंतरंग छवियों को बनाना, शेयर करना या मांगना अब अपराध है।
नॉर्दर्न आयरलैंड में भी ऐसे कानून की तैयारी चल रही है।

लेकिन एक ताज़ा सर्वे ने चौंका दिया—
हर चार में से एक व्यक्ति को लगता है कि यौन डीपफेक बनाना या शेयर करना कोई बड़ी बात नहीं है।

कारा इसे महिलाओं के प्रति हिंसा के सामान्यीकरण का साफ संकेत मानती हैं।

चुनाव से पहले सबसे कठिन हफ्ते

कारा के लिए अगले हफ्ते बेहद दर्दनाक थे।
उनकी पार्टी ने कहा कि इस मुद्दे पर चुप रहें, नहीं तो वीडियो और ज्यादा फैल जाएगा।
पुलिस ने भी कहा कि कोई अपराध नहीं हुआ है और जांच के लिए तकनीक उपलब्ध नहीं है।

इस बीच समाज में उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा।
लोग उनसे दूरी बनाने लगे।
एक बार एक आदमी ने तो रास्ते में रोककर बेहद गंदी मांग कर दी।
फिर भी उन्होंने चुनाव प्रचार जारी रखा—और अंत में मात्र 14 वोटों से जीत हासिल की।

डीपफेक के खिलाफ एक मज़बूत आवाज़

चुनाव के बाद कारा ने खुलकर अपनी कहानी दुनिया को बताई।
वह अब डीपफेक और ऑनलाइन यौन उत्पीड़न के खिलाफ सबसे मजबूत आवाजों में से एक बन चुकी हैं।
वह चाहती हैं कि हर AI वीडियो पर अनिवार्य रूप से एक स्पष्ट मार्किंग हो, ताकि लोगों को पता चले कि यह वास्तविक नहीं है।

राजनीति में महिलाओं के लिए खतरा बढ़ रहा है

कारा कहती हैं कि डीपफेक के कारण कई युवा महिलाएँ राजनीति में आने से डरती हैं।
एक अध्ययन में पाया गया कि ऑनलाइन उपलब्ध 98% डीपफेक अश्लील होते हैं और उनमें से 99% में टारगेट महिलाएँ होती हैं।

यह तकनीक सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी खतरा है—जैसे जो बाइडेन की नकली ऑडियो और ज़ेलेन्स्की का फर्जी वीडियो।

निजी चुनौतियाँ और अनिश्चित भविष्य

राजनीति में आने से पहले ही कारा को पता चला था कि उन्हें पिट्यूटरी ट्यूमर है, जो तनाव से और खराब हो सकता है।
उनके माता-पिता चाहते हैं कि वे राजनीति छोड़ दें।
लेकिन कारा अपने काम से प्यार करती हैं और जनता की समस्याएँ सीधे मंत्री तक पहुँचाने की शक्ति को एक “ब्लेसिंग” मानती हैं।

2027 के चुनाव को लेकर वह चिंतित हैं।
वह कहती हैं:
“पिछली बार मुझे ‘पॉर्न स्टार’ बना दिया गया था… अगली बार क्या होगा, कौन जानता है?”

फिर भी, वह अपनी भूमिका निभाती रहना चाहती हैं।
लेकिन मन के भीतर एक सवाल हमेशा रहता है—क्या राजनीति में उनका भविष्य सुरक्षित है?

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