
उदयपुर। प्रदेश भर से जुटे गांधीवादी विचारक व अनुयायी। शांति एवं अहिंसा विभाग, राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार शांति अहिंसा प्रकोष्ठ जिला उदयपुर के तत्वाधान में एक दिवसीय गांधी दर्शन अर्द्धकुम्भ का रविवार को उदयपुर के नगर निगम परिसर में आयोजन हुआ।
इसमें प्रदेश भर से गांधी दर्शन समिति संयोजक-सहसंयोजक तथा गांधीवादी विचारक व अनुयायी शामिल हुए। प्रदेश के सभी जिलों से जिला व ब्लॉक संयोजकों के नेतृत्व में कार्यकर्ता पहुंचे। सर्वप्रथम महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति व शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ उदयपुर के जिला संयोजक पंकज शर्मा एवं ऐसीईओ विनय पाठक ने शहीद स्मारक पहुंचकर महात्मा गांधी तथा शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।

पुष्पांजलि के उपरांत सर्वधर्म प्रार्थना सभा हुई। इसमें कलाकारों के साथ कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी के प्रिय भजनों का गायन किया। पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा, गांधीवादी विचारक प्रो. पी. आर. व्यास, शहीद कैप्टन अभिनव नागौरी के माता-पिता सुशीला देवी व धर्मचंद नागौरी, शहीद मेजर मुस्तफा की माताजी फातिमा आदि ने बापू की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
जिला संयोजक पंकज शर्मा ने सभी अतिथियों का सूत की माला, उपरणा और गांधी टोपी पहनाकर अभिनंदन किया। शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विभाग की ओर से की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी। पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, गांधीवादी विचारक प्रो. पी आर व्यास, जगदीश राज श्रीमाली, लक्ष्मी नारायण पंड्या ने महात्मा गांधी के आदर्शों पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि महात्मा गांधी एक व्यक्ति नहीं विचारधारा है। यह कभी मर नहीं सकती। यह युगों युगों तक भारत की भूमि पर गूंजेगी और हर दौर में प्रासंगिकता सिद्ध करती रहेगी।
कार्यक्रम में जाने-माने कवि अजातशत्रु ने हिंदी की कई प्रसिद्ध कविताओं का पाठ किया।

कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों में प्रदेश भर से आए गांधीवादी विचारकों ने व्याख्यान दिए। समापन सत्र में शहीदों के परिवारों का सम्मान किया गया। मंच का संचालन सहसंयोजक सुधीर जोशी ने किया। कार्यक्रम में त्रिलोक पूर्बिया, गोपालकृष्ण शर्मा, बांसवाड़ा जिला संयोजक रमेशचंद्र पण्ड्या, नारायण सिंह भाटी, अक्षय त्रिपाठी सहित सभी जिलों से आए संयोजक, सहसंयोजक, स्थानीय कार्यकर्ता आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में पधारे संयोजक एवं सहसंयोजक को प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया।
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