Editor’s comment : कुत्तों ने बच्ची को नोंच नोंचा कर मार डालने की घटना खानाबदोस परिवार की बजाय शहर में ही किसी परिवार के साथ होती तो यह एक बड़ा मुद्दा बन जाती। लोग परिवार को मुआवजे की मांग के लिए जमा हो जाते। नेता परिवार के घर पहुंचते, लेकिन खानाबदोस परिवार के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ। फिर भी उदयपुर के लोकल मीडिया, यूट्यूबर ने इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया। जिम्मेदारों के साथ डॉग लवर्स पर भी सवाल उठाए। शहर में बढ़ती कुत्तों की आबादी के लिए नगर निगम ही जिम्मेदार है। पार्षदों से लेकर अफसरों तक में इस बात को लेकर चिंता तो दिखाई देती है, लेकिन इस समस्या के निराकरण के लिए गंभीरता से कभी चर्चा नहीं हुई। दरअसल यह मुद्दा मौजूदा बोर्ड की पहली बैठक में उठा था। इसके बाद पांच साल बीत गए, समस्या का हल नहीं हुआ। कुत्तों की आबादी को घटाने के लिए नसबंदी पर निगम बड़ी राशि खर्च कर चुका है। इस पर न तो निगम से सवाल पूछे गए न ही कभी जवाब दिया गया। इसी साल नया बोर्ड भी बन जाएगा।
क्या थी घटना यहां से पढ़िए
मध्यप्रदेश का परिवार उदयपुर में जियारत करने आया था
उदयपुर। शहर के मल्ला तलाई क्षेत्र में मस्तान बाबा दरगाह पर जियारत के लिए आए मध्यप्रदेश के एक परिवार की चार वर्षीय मासूम बच्ची रेशमा को आवारा कुत्तों ने नोंच—नोंच कर मार डाला। हैंडपंप पर नहाने के बाद पिता का जब अपनी बेटी पर ध्यान गया तो एक कुत्ता उसकी बेटी को जबड़े में दबाए बैठा था। उसके गले तथा हाथ—पैर में गहरे जख्म होने से खून रिस रहा था। कुत्तों को भगाने के बाद जब परिजन उसे नजदीकी अंबामाता अस्पताल लेकर पहुंचे तब पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है।
पिता नदीम खान ने बताया कि मध्य प्रदेश के सागर शहर से वह परिवार सहित पवित्र रमजान माह में उदयपुर में मल्ला तलाई स्थित मस्तान बाबा की दरगाह पर जियारत के लिए आया हुआ था। शुक्रवार को जुमे की तैयारी के चलते सुबह लगभग आठ बजे वह दरगाह के पास लगे हैंडपंप पर परिवार सहित नहाने पहुंचा था। चार साल की बेटी रेशमा को नहलाने के बाद वह जो मंजर देखा, वह रोंगटे खड़े करने वाला था।
पिता नदीम ने बताया कि हैंडपंप पर खुद नहा रहा था। जबकि रेशमा पास ही खेलने लगी थी। नहाने के बाद जब उसका ध्यान रेशमा पर गया तो वह दिखाई नहीं दी। जब उसने तलाशा और जो मंजर देखा, वह रोंगटे खड़े करने वाला था। एक कुत्ते ने उसकी मासूम बेटी को जबड़े से दबाया हुआ था। उसके मुंह में रेशमा की गर्दन थी। आसपास और कुत्ते भी खड़े थे। जब उसने पत्थर उठाकर कुत्तों को भगाया और रेशमा को संभाला। उसकी गर्दन, हाथ—पैर में गहरे जख्म थे। वह उसे नजदीकी अंबामाता राजकीय जिला अस्पताल लेकर भागा। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत बताया।
घटना की सूचना पर अंबामाता थाना पुलिस घटनास्थल तथा अंबामाता थाने पहुंची। बच्ची का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद शव परिजनों के हवाले करने के साथ पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
मांग कर गुजर—बसर करता है नदीम का परिवार
नदीम ने बताया कि उसका परिवार मांग कर ही गुजर—बसर करताहै। रमजान माह में वह हर साल परिवार सहित उदयपुर में जियारत करने आता है। इस बार भी वह यहां जियारत के लिए आया था। उसके तीन बच्चे हैं, जिनमें रेशमा दूसरे नंबर की थी। उसके अलावा पांच साल का बेटा अयान तथा दो महीने का बेटा दानिश भी हैं।
हाल ही उदयपुर को बताया था डॉग बाइट के मामले में सामान्य, जनता में आक्रोश
गौरतलब है कि पिछले महीने उदयपुर के चिकित्सा विभाग ने उदयपुर को डॉग बाइट के मामले में सामान्य बताया था। पिछले कुछ महीने के डॉग बाइट तथा सरकारी अस्पतालों में लगाए जाने वाले टीकों को लेकर उदयपुर शहर को सामान्य श्रेणी में बताया गया था। हालांकि आम लोगों ने लगातार आवारा कुत्तों की तादाद गलियों में बढ़ने की चिंता जताते हुए नगर निगम तथा उदयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से आवारा कुत्तों पर लगाम लगाए जाने को लेकर कार्रवाई की मांग की थी। शहर में एक बच्ची की मौत के बाद लोगों में भारी आक्रोश है। हाल ही दो दिन पहले भी दुपहिया वाहन पर सवार दम्पत्ति पर आवारा कुत्ते लपक पड़े जिससे बचने के प्रयास में दुपहिया वाहन का संतुलन बिगड़ जाने से दंपती घायल हो गया। इससे पहले भी आवारा कुत्तों के हमले की कई घटनाएं शहर में हो चुकी है।
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