
वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेक्सास में भारतीय नागरिक चंद्र नागमल्लैया की बर्बर हत्या की कड़ी निंदा की है। उन्होंने वादा किया है कि आरोपी के खिलाफ “न्याय की पूरी सीमा तक” मुकदमा चलाया जाएगा और उस पर प्रथम श्रेणी की हत्या का आरोप लगेगा।
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा:
“मुझे टेक्सास के डलास में प्रतिष्ठित व्यक्ति चंद्र नागमल्लैया की हत्या की भयावह खबर मिली है। उनकी पत्नी और बेटे के सामने, क्यूबा से आए एक अवैध विदेशी—जिसे हमारे देश में होना ही नहीं चाहिए था—ने बेरहमी से उनका सिर काट दिया।”
उन्होंने बाइडेन प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अपराधी पहले भी कई अपराधों के लिए पकड़ा गया था लेकिन फिर भी उसे छोड़ दिया गया।
ट्रंप ने लिखा:
“यह व्यक्ति पहले भी बाल यौन शोषण और कार चोरी जैसे अपराधों में गिरफ्तार हुआ था, लेकिन अक्षम बाइडेन प्रशासन के दौरान उसे हमारी मातृभूमि में छोड़ दिया गया। क्यूबा ऐसे अपराधियों को वापस नहीं लेना चाहता। लेकिन मेरे शासन में इन अवैध अप्रवासी अपराधियों के प्रति नरमी की कोई जगह नहीं होगी।”
घटना का विवरण
यह घटना 10 सितंबर को हुई, जब 41 वर्षीय नागमल्लैया पर डलास के एक मोटल में जानलेवा हमला किया गया। आरोपी 37 वर्षीय मार्टिनेज ने कुल्हाड़ी से उन पर हमला किया और उनका सिर काटकर कूड़ेदान में फेंक दिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक विचलित करने वाले वीडियो में आरोपी को कुल्हाड़ी लेकर पीड़ित का पीछा करते और हमला करते देखा गया। वीडियो में यह भी दिखा कि हमलावर ने सिर को धड़ से अलग करने के बाद मोटल की पार्किंग में लात मारी और फिर कूड़ेदान में फेंक दिया।
अमेरिकी एजेंसियों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने घोषणा की कि आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने हमलावर को देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
डीएचएस की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघली ने भी बाइडेन प्रशासन पर हमला करते हुए कहा:
“यह वीभत्स और बर्बर हत्या पूरी तरह से रोकी जा सकती थी, अगर इस अवैध विदेशी को बाइडेन प्रशासन के दौरान देश में नहीं छोड़ा गया होता।”
डीएचएस के मुताबिक, मार्टिनेज को पहले ब्लूबोनेट डिटेंशन सेंटर में आईसीई डलास की हिरासत में रखा गया था। लेकिन 13 जनवरी 2025 को उसे पर्यवेक्षण आदेश पर रिहा कर दिया गया।
बड़ा सियासी मुद्दा
इस घटना ने न सिर्फ़ भारतीय-अमेरिकी समुदाय को झकझोर दिया है बल्कि अमेरिका में प्रवासी नीति को लेकर नई बहस भी छेड़ दी है। ट्रंप ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर वह सत्ता में लौटते हैं तो अवैध अप्रवासियों के खिलाफ और सख्त कदम उठाएंगे।
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