लंदन के निएसडेन स्थित बीएपीएस श्री स्वामिनारायण मंदिर, जिसे यूरोप का पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर माना जाता है, में 20 अक्टूबर 2025 को भव्य दीवाली और हिंदू नववर्ष समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन ग्रेटर लंदन और आसपास के क्षेत्रों से आए हजारों श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव का प्रमुख केंद्र बन गया।
उत्सव की शुरुआत शाम 5:45 बजे शारदा पूजन से हुई। इस पारंपरिक पूजा में श्रद्धालुओं ने देवी शारदा की आराधना की और ज्ञान, बुद्धिमत्ता तथा कल्याण की कामना की। पूजा के बाद मंदिर में अन्नकूट प्रस्तुत किया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार के शाकाहारी व्यंजन देवी-देवताओं को भेंट किए गए। अन्नकूट का यह अनुष्ठान आभार और भक्ति का प्रतीक माना जाता है और इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।
शामभर मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी रही। मंदिर के कलाकारों और स्थानीय समुदाय के सदस्यों ने पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुत किया। इन कार्यक्रमों ने हिंदू संस्कृति की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक विविधता को जीवंत रूप से प्रदर्शित किया।
उत्सव का सबसे आकर्षक हिस्सा रात में आयोजित भव्य आतिशबाज़ी रहा। रंग-बिरंगे आतिशबाज़ी के फूलों ने आकाश को रोशन कर दिया और पूरे परिसर में दिवाली की रौनक का अनुभव कराया। श्रद्धालु इस दृश्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए और परिवार और मित्रों के साथ इस खुशी को साझा किया।
बीएपीएस श्री स्वामिनारायण मंदिर में आयोजित यह दीवाली समारोह केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं रहा। यह हिंदू समुदाय की संस्कृति, एकता और सामुदायिक जुड़ाव का भी जीवंत प्रदर्शन रहा। मंदिर में आए श्रद्धालुओं ने न केवल आध्यात्मिक अनुभव साझा किया, बल्कि संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व और सम्मान भी व्यक्त किया।
मंदिर प्रशासन ने सभी आगंतुकों की सुविधा के लिए विस्तृत प्रबंध किए थे। मंदिर की सजावट और दीपमालाओं ने वातावरण को और भी भव्य बना दिया। आयोजकों ने भविष्य में होने वाले धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी देने और समुदाय को जोड़ने का आश्वासन भी दिया।
इस तरह लंदन में बीएपीएस श्री स्वामिनारायण मंदिर की दीवाली उत्सव ने धार्मिक भक्ति, सांस्कृतिक समृद्धि और सामुदायिक एकता का संदेश देते हुए शहर में दिवाली की खुशियों को कई गुना बढ़ा दिया।
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