झालावाड़। गागरोंन शरीफ़ स्थित दरगाह ख्वाजा हमीदुद्दीन चिश्ती खुरासानी उर्फ मिट्ठे महाबली सरकार रह. गागरोंन शरीफ़ में 728 वें परंपरागत उर्स के तहत गुस्ल की खास रसूमात आज अदा होगी।

परंपरागत रस्मों रिवाज़ के मुताबिक सबसे पहले खादीमान आस्ताने में रखे हुए अलमों (निशान) को निकाल कर आहू नदी पर ले जाते हैं, जहां पानी से छींटे देकर दरगाह शरीफ में वापस लाकर मगरीबी गोशे में नसब कर दिए जाते हैं।
जिसके बाद खादीमान परिवारों द्वारा पहले से तैयार इत्र, केवड़ा, संदल, गुलाब जल से एक खास तरह की लुगदी जिससे आस्ताने में ताबीज़ पर लेप किए जाने की रस्म की शुरुआत होती है। इस रस्म को दीवान मुहम्मद इमरान, रेहान रैना और हिदायत अली जाफरी अंजाम देंगे।

यह रस्म क़ाज़ी परिवार की तहवील में संपन्न होती है। खानकाह में अदब मलहूज़े खातिर रखते हुए विर्दो वज़ाइफ और कुरआन ख्वानी होगी और क़दीमी तबुर्रुकात जिसमे मिट्ठे साहब के हाथ से कूफी रस्मुल ख़त में लिखा कुरआन मजीद, मुए मुबारक, असा मुबारक (छड़ी), कलमा लिखी सीपियां और दैंत के सींग वगैरह की ज़ियारत कराई जाएगी। ये कार्यक्रम सुबह आज 10 बजे से शुरू होगा। ये जानकारी खादिमो क़ाज़ी सय्यद फारूक अली ने दी।
About Author
You may also like
-
बीआईएस प्रमाणित हेलमेट ही करें इस्तेमाल : केंद्र सरकार की उपभोक्ताओं से अपील
-
मध्यप्रदेश में दो कत्ल और एक सवाल : क्या औरत होना अब भी खता है?
-
हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड ने की समावेशी भाषा गाइडबुक लॉन्च : सम्मान की भाषा, समानता का सफर, सामाजिक और भावनात्मक दस्तावेज़
-
इश्क़ का आख़िरी वार : बस स्टैंड पर संस्कृत टीचर की हत्या
-
मेकेट्रॉनिक्स तकनीकी उद्योगों का आधार : डॉ. मेहता