“करम मेरे मस्तान, तुम्हारा न होतातो मेरा कहीं भी गुज़ारा न होता…” कुल की फातेहा के साथ हुआ मस्तान बाबा के चार रोज़ा उर्स का इख़तिताम

उदयपुर। ख्वाजा अब्दुर्रउफ उर्फ़ मस्तान बाबा के चार रोज़ा उर्स का इख़तिताम कुल की फातिहा के साथ हो गया। कुल की रस्म इस बार शाम 5 बजे अदा की गई। इससे पहले दोपहर 3:30 बजे कुल की महफ़िल शुरू हुई जिसमें सूफियाना कलाम पेश किए गए। हज़ारों की तादाद में मौजूद अक़ीदतमंदों ने कुल की फातिहा में शिरकत की।

मस्तान बाबा ट्रस्ट के चीफ ट्रस्टी और साबिक़ा वज़ीर-ए-मर्कज़, सीएम इब्राहिम ने उर्स के मौक़े पर तमाम अक़ीदतमंदों को मुबारकबाद दी। उन्होंने मौजूद अक़ीदतमंदों को दरगाह कमेटी की तरफ़ से किये जा रहे कामों की तफ्सीलात भी दीं। कुल की महफ़िल के आखिर में कव्वालों ने मशहूर रंग “आज रंग है री मा रंग है री…” पेश किया। इसके बाद कुल की फातिहा हुई और आस्ताने पर कुल की रस्म अदा की गई।

जायरीनों ने कुल के छींटे लिए और अपनी मुरादें मांगी। दीवाना सरकार, कपासन के ट्रस्ट की जानिब से आस्ताने पर चादर पेश की गई।

कार्यवाहक सदर सज्जाद साबरी, ट्रस्ट के नायब सदर, सेकेट्री और तमाम ट्रस्ट के मेम्बरान ने उर्स के मौके पर सभी को मुबारकबाद पेश की।

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