इंस्टाग्राम की दोस्ती बनी जाल: उदयपुर में अपहरण और फिरौती की दिल दहला देने वाली घटना

Editor’s comment : यह घटना एक कठोर चेतावनी है कि सोशल मीडिया पर बनती अनजान दोस्तियों में कितने खतरे छिपे हो सकते हैं। शिवनारायण का अनुभव उन सभी के लिए एक सबक है जो सोशल मीडिया के माध्यम से अनजानों से जुड़ते हैं। उदयपुर पुलिस की तेजी और सटीकता से इस साजिश का पर्दाफाश हुआ और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सोशल मीडिया की इस खतरनाक दुनिया में सतर्कता और सावधानी बरतना जरूरी है। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि इंटरनेट की आभासी दुनिया में हर चेहरा भरोसेमंद नहीं होता।

यहां से पढ़िए पूरी घटना

उदयपुर। सोशल मीडिया के जाल में फंसकर एक युवक ने ऐसी स्थिति का सामना किया, जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। नागौर के युवक की इंस्टाग्राम पर हुई दोस्ती ने उसे अपहरण और फिरौती की साजिश में फंसा दिया। उदयपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस सनसनीखेज मामले का खुलासा किया और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया।

कैसे शुरू हुआ सब कुछ?

नागौर के ढावा निवासी शिवनारायण वैष्णव की इंस्टाग्राम पर उदयपुर की समीरा उर्फ डेजी पठान से दोस्ती हुई। बातें बढ़ीं और समीरा ने उसे उदयपुर आने का न्योता दिया। 27 मई को शिवनारायण अपने दो दोस्तों के साथ उदयपुर पहुंचा और एक होटल में रुका। समीरा के बुलावे पर वह शोभागपुरा चौराहे पर पहुंचा, जहां से समीरा उसे एक विला में ले गई।

एक खूबसूरत शाम से भयावह रात तक

विला में दोनों ने साथ में खाना खाया, लेकिन शाम अचानक डरावनी हो गई। पांच-छह लोगों का समूह वहां आ धमका और शिवनारायण को बेरहमी से पीटने लगा। इसके बाद उसे गाड़ी में डालकर किसी अनजान जगह ले जाया गया, जहां उसके हाथ-पांव बांधकर उसे और पीटा गया। अपहरणकर्ताओं ने 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी और धमकी दी कि यदि पैसे नहीं मिले, तो उसे झूठे ड्रग्स के केस में फंसा देंगे या जान से मार देंगे।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और बचाव

अगले दिन शाम को शिवनारायण को छोड़ दिया गया, और उसने तुरंत सुखेर पुलिस थाने पहुंचकर पूरी घटना की रिपोर्ट दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और गाड़ी के नंबर के आधार पर जांच की गई।

साजिश का खुलासा और गिरफ्तारियां

पता चला कि गाड़ी किराए पर ली गई थी और इसे सजर अली नाम के व्यक्ति ने किराए पर लिया था। पुलिस ने सजर अली और उसके चार साथियों—नईम शेख, मोहम्मद सरफराज, सोहेल खान, और आगोश अली—को पकड़ लिया। पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

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