
उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा शिल्पग्राम में आयोजित ‘गुलजार-ए-गज़ल’ कार्यक्रम के पहले दिन स्वाति सिंह और उनके दल ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि इस कार्यक्रम में शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच पर देहरादून से आए पैशन क्लब ऑफ म्यूजिक की स्वाति सिंह और उनके दल ने कई मशहूर गज़लों की प्रस्तुति दी।

स्वाति सिंह ने अपनी सुरीली आवाज़ में रफ्ता-रफ्ता, हंगामा, एक अहसान, तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, तुमको देखा तो ये ख्याल आया, आज जाने की जिद ना करो और रंजिश ही सही जैसी गज़लों को जीवंत कर दिया। दर्शकों की विशेष फरमाइश पर ‘दमा दम मस्त कलंदर’ ने समां बांध दिया और हर किसी को झूमने पर मजबूर कर दिया।
प्रस्तुति के अंत में कलाकारों का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में तबले पर आदित्य बिजलवान, बांसुरी पर भक्तचरण, इलेक्ट्रिक गिटार पर दीपक थापा, बास गिटार पर जोनाथन साहू, कीबोर्ड पर अमन कुमार, वाद्ययंत्र पर रोहन रावत और समन्वयक मेहुल गुप्ता ने सहयोग दिया। कार्यक्रम का संचालन दुर्गेश चांदवानी ने किया।

स्वाति सिंह, जो वुमनिया बैण्ड की संस्थापक भी हैं, ने महिलाओं को संगीत के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा तराशने का मौका प्रदान किया है, जिसका उल्लेख भी इस मौके पर किया गया।
‘गुलजार-बात पश्मीने की’ की प्रस्तुति आज
उदयपुर। रविवार को नीश एंटरटेनमेंट पुणे द्वारा पद्म भूषण और ज्ञानपीठ पुरस्कार से अलंकृत गुलजार साहब पर आधारित ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति ‘गुलजार-बात पश्मीने की’ सचिन खेड़ेकर, किशोर कदम और पूर्णिमा मनोहर द्वारा प्रस्तुत की जाएगी।
‘गुलजार-बात पश्मीने की’ शो, प्रसिद्ध कवि, गीतकार, लेखक और निर्देशक गुलजार जी के जीवन और कार्यों पर आधारित है। इसमें उनकी विभिन्न फिल्मों जैसे आंधी, इजाज़त, किनारा, मौसम, अंगूर, और बंटी और बबली के गीतों और अंशों का दृश्य-श्रव्य अनुभव शामिल है। शो में ‘पुखराज’ और ‘रावी पार’ जैसी उनकी रचनाओं के काव्य और गद्य अंश भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

इस शो को प्रवीण जोशी ने लिखा है और मिलिंद ओक ने इसकी संकल्पना और निर्देशन किया है। इस समारोह में आमजन का प्रवेश निशुल्क रहेगा।
उदयपुर का शिल्पग्राम इस सांस्कृतिक कार्यक्रम से गुलजार हो उठा और दर्शकों ने इस अनोखी शाम का भरपूर आनंद लिया।
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