उदयपुर में एक बार फिर वकील सड़कों पर आए, बीकानेर में पहली वर्चुअल हाईकोर्ट बेंच स्थापना की घोषणा से गुस्सा…याद रखिए अब मिल भी जाए तो जश्न ना मनाएं

Photo : ,kamal kumawat

Editor’s comment : दरअसल 40 साल से चल रहे आंदोलन को आज एक मंत्री ने हरा दिया। लेकिन एक सबक जरूर दिया। सबक यह है कि आपके परिवार, आपके इलाके की पॉलिटिकल पावर का उपयोग अपने क्षेत्र के लिए कैसे किया जाए। याद रखिए उदयपुर में IIT (इस खबर को दैनिक भास्कर में सैयद हबीब ने ब्रेक किया था।) के लिए मूवमेंट नहीं होता तो शायद IIM की स्थापना उदयपुर में नहीं होती। अब अगर शर्म बची हो तो उदयपुर में वर्चुअल बेंच मिलने पर भी खुशी का इजहार नहीं करना चाहिए। नेताओं की चापलूसी तो नहीं छोड़ पाएंगे।

उदयपुर। मेवाड़-वागड़ में हाईकोर्ट स्थापना की मांग को लेकर वकील सड़कों पर उतर आए। 40 साल से हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रहे उदयपुर के लोगों को तब जोरदार झटका लगा, जब बीकानेर के सांसद एवं कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बीकानेर में पहली वर्चुअल हाई कोर्ट स्थापना की घोषणा कर दी।

इस फैसले के विरोध में उदयपुर के वकीलों ने गुस्से का इजहार किया। उदयपुर के जनप्रतिनिधि भी खुदको ठगा सा महसूस करने लगे हैं।

संघर्ष समिति के संयोजक वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश नंदवाना ने सरकारों को आड़े हाथों लिया। वकीलों ने रैली निकाली। इसमें महिला वकीलों ने भी शिरकत की। रैली कलेक्ट्री पर खत्म हुई। वक्ताओं ने अपने भाषण में नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए हाईकोर्ट बेंच स्थापना की मांग की।

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