
‘पत्रकार दीनदयाल उपाध्याय’ पुस्तक का विमोचन उदयपुर में
उदयपुर। राष्ट्र साधना सृष्टि संस्थान की ओर से लिखी गई पुस्तक “पत्रकार दीनदयाल उपाध्याय” का विमोचन मंगलवार को प्रताप गौरव केंद्र के कुंभा सभागार में हुआ। यह पुस्तक डॉ. विजय विप्लवी और डॉ. कुंजन आचार्य द्वारा लिखी गई है, जिसका विमोचन सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल माथुर ने कहा—“पंडित दीनदयाल उपाध्याय के लेख राष्ट्रवाद और जनकल्याण का दस्तावेज़ हैं। उनकी राष्ट्रभक्ति के विज्ञान को दुनिया एक दिन ज़रूर मानेगी। वे केवल राजनेता ही नहीं, बल्कि गहन चिंतक और सजग पत्रकार भी थे।”

उन्होंने आगे कहा कि पंडित दीनदयाल ने पत्रकारिता को “राष्ट्र की आत्मा की आवाज़” बताया। उनके लेखन में समाज की पीड़ा का बोध भी था और समाधान की दिशा भी। उन्होंने दिखाया कि पत्रकारिता केवल समाचार तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और संस्कृति को नई दिशा देने का सशक्त साधन है।
वक्ताओं के विचार
प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत (कुलपति, जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ) : “दीनदयाल का जीवन ‘एकात्म मानववाद’ की अद्भुत प्रयोगशाला था। उनकी लेखनी में राष्ट्रप्रेम और जनकल्याण दोनों की झलक मिलती है।”
श्रीचंद कृपलानी (विधायक, निम्बाहेड़ा) : “यदि आज के पत्रकार दीनदयाल की निष्पक्षता और प्रतिबद्धता को अपनाएँ तो पत्रकारिता फिर से समाज का दर्पण और मार्गदर्शक बन सकती है।”
डॉ. एम.एल. रावत (सांसद, उदयपुर) : “पंडित दीनदयाल ने पत्रकारिता को पेशा नहीं, राष्ट्र के उत्थान का माध्यम बनाया। उनकी लेखनी में सत्य और समाज सुधार की गूंज थी।”
ताराचंद जैन (विधायक, उदयपुर शहर) : “दीनदयाल का योगदान राजनीति तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने पत्रकारिता को भारतीय संस्कृति और भारतीयता का प्रखर प्रवक्ता बनाया।”
फूलसिंह मीणा (ग्रामीण विधायक) : “दीनदयाल उपाध्याय के पत्रकार स्वरूप को आत्मसात करना आज की ज़रूरत है।”
गजपाल सिंह राठौड़ (भाजपा शहर जिलाध्यक्ष) : “दीनदयाल जी के विचारों ने राजनीति और पत्रकारिता दोनों को नई दिशा दी।”
पुष्कर तेली (भाजपा देहात जिलाध्यक्ष) : “उनकी सोच समय से आगे थी, इसलिए उनका लेखन आज भी उतना ही प्रासंगिक है।”
आयोजन की झलक
कार्यक्रम में राष्ट्र साधना सृष्टि संस्थान के अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी, सचिव भंवरलाल शर्मा और संयोजक दिनेश भट्ट ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर वल्लभ नगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर भी मंच पर उपस्थित थे।
पुस्तक की समीक्षा डॉ. बालूदान बारहट ने प्रस्तुत की, जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुंजन आचार्य ने किया।
About Author
You may also like
-
राजस्थान में पहली बार? या सिर्फ़ एक नया प्रचार स्टंट : गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट का ढोल पीटना शुरू किया
-
Father dies shortly after accepting plea deal in death of 2-year-old left in hot car
-
Sip, sparkle, and celebrate with Starbucks Holiday merchandise!
-
बिहार विधानसभा चुनाव : पहले चरण की वोटिंग पर संकट, सियासत और सामाजिक प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण
-
बावर्ची रेस्टोरेंट : उदयपुर में स्वाद, सुकून और मुस्कान का अनोखा संगम