चौथी नेशनल दिव्यांग क्रिकेट चैंपियनशिप – तीसरे दिन का हाई-वोल्टेज ड्रामा

राजस्थान 4 विकेट और महाराष्ट्र 9 विकेट से जीते हैदराबाद ने बड़ौदा को किया 88 पर ढेर

सैयद हबीब, उदयपुर

लेडीज़ और जेंटलमैन, सीधे लेकसिटी उदयपुर से हबीब की रिपोर्ट, और आप पढ़ रहे हैं चौथी राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेट चैंपियनशिप की शानदार कवरेज! क्या जबरदस्त मुकाबले हुए आज! मैदान में दिव्यांग खिलाड़ी ऐसे जज़्बे के साथ उतरे कि यकीन मानिए, हर कोई दांतों तले उंगलियां दबा बैठा। मैदानों में जोश और जज़्बे की बारिश हो रही थी, और दर्शकों का हौसला-आफ़ज़ाई देखकर माहौल बस “वाख़ा वाख़ा” हो गया!

पहला मैच – राजस्थान बनाम हिमाचल – ओह भई, राजस्थान के सूरमाओं ने आज मैदान में ऐसा जलवा बिखेरा कि हिमाचल की गेंदबाज़ी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। 4 विकेट से राजस्थान ने मुकाबला अपने नाम किया और सुरेंद्र कुमार खोरवाल बन गए मैन ऑफ द मैच।


आगे बढ़ते हैं अगले मैदान की ओर—हैदराबाद और बड़ौदा! क्या कहने, हैदराबाद के बल्लों ने आग उगली, 193 रन ठोक दिए! जवाब में बड़ौदा 88 रन पर ढेर! भाईजान, हैदराबाद का गेंदबाज़ी आक्रमण ऐसा “नज़र-बट्टू” था कि बड़ौदा की पूरी टीम सिर्फ टुक-टुक करती नज़र आई। मैन ऑफ द मैच साईनाथ रेड्डी ने अपनी टीम को जीत दिलाई और दिल जीत लिया।

तीसरा मुकाबला – मुंबई बनाम हरियाणा– भाई, मुंबई की टीम ने मैदान में ऐसा संघर्ष किया कि हरियाणा को 17 रन से शिकस्त दे डाली। मुकाबला नज़दीकी था, लेकिन मुंबई के आकाश पाटिल की शायरी जैसी गेंदबाज़ी ने हरियाणा के हर वार का जवाब दिया। मैन ऑफ द मैच बने, भई कोई शक नहीं, पाटिल साहब।

उड़ीसा बनाम बिहार – तीन विकेट से उड़ीसा ने मैदान मारा और मैन ऑफ द मैच बने जगजीत मोहंती। यहाँ भी गेंद और बल्ले की जंग रोचक रही।

अब ज़रा दूसरे सत्र की बात करें तो मज़ा दोगुना हो गया! वेस्ट बंगाल ने चण्डीगढ़ को 68 रन से धो डाला, सुब्रत घोष का शानदार प्रदर्शन देखने लायक था। उत्तर प्रदेश ने 5 विकेट से मध्य प्रदेश को हराया, और राधिका प्रसाद बने मैन ऑफ द मैच। आंध्र प्रदेश ने जम्मू-कश्मीर को 6 विकेट से शिकस्त दी और अखिल रेड्डी ने ऐसी स्पिन फेंकी कि बल्लेबाज़ उलझ कर रह गए!

आखिरी मुकाबला भी कम रोमांचक नहीं था! महाराष्ट्र ने 9 विकेट से केरल को धराशाई कर दिया। आकाश सनप की बल्लेबाज़ी में वो तेज़ी थी, जैसे शेर अपने शिकार पर झपटता है—और बन गए मैन ऑफ द मैच।

पुरस्कार वितरण में माहौल और भी रंगीन हो गया जब गीतांजलि के डॉ. मयूर रावत और डीसीसीआई के सचिव रविकांत चौहान ने विजेताओं को ट्रॉफी और 11,000 रुपये के चेक से नवाज़ा।

तो, दोस्तों, इस चैंपियनशिप में हर बॉल और हर रन में वो जुनून, वो हिम्मत और वो ताक़त है जो हर एक दिल को जीत रही है। अगली पारी के लिए हम भी तैयार हैं, देखना ये है कि अगले मैच में कौन चमकेगा और कौन मारेगा चौका!

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